नबी करीम स० ने क्यों सोने से पहले 3 बार बिस्तर झाड़ने का हुकुम दिया ?

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वैज्ञानिकों की रिसर्च ने इस नतीजे से सबको दंग कर दिया, बात ये है दरअसल इस्लाम जो है वो एक मुकम्मल ज़ाबता हयात है, जिसमें इंसान की ज़िन्दगी के हर पहलू के मुताबिक रहनुमाई भी मौजूद है और हमारे प्यारे नबी ने आज से 14 सौ साल पहले ही सुन्नत इख्तियार करदी थी जिसका हुक्म हम लोग आज तक मानते हुए आ रहे हैं और इतना ही नहीं उसपर अमल भी सारा मुस्लिम समाज कर रहा है यही नहीं आज विज्ञान भी रिसर्च करनेके बाद इन हुक्मो को सही मान रहा है।

हमारे नबी ने जहां इंसान को सोने से पहले वजू करने और रोज़ाना बुज़ु के साथ सोने का हुक्म दिया, और नमाज़ से पहले आपने दांत साफ करने (मिस्वाक) का हुक्म भी दिया जो वैज्ञानिक द्रस्टी से यह सिद्ध भी हो गया है के अगर ऐसा इंसान करता है तो उनको दांतो की बिमारी के साथ-साथ दिल और उससे जुड़ी कई बीमारियों से भी उसकी कुदरती टूर पर हिफाज़त होती है। इसके अलावा दाहिने करवट सोने से पेट भी ऊपर की तरफ होता है, और उसे रात में खाई जाने वाले खाने को पचाने में आसानी होती है। रात मे सोने के दौरान पेट में मौजूद खाना अच्छी तरह हज़म होता है, जिससे इंसान बेदार होने पर खुद को ताज़ा महसूस करता है

इसके अलावा हमारे नबी और इस्लाम की सुन्नत के मद्देनज़र कि सोने से पहले हर इंसान को अपने बिस्तर को तीन बार ज़रूर झाड़ लेना चाहिए। इसका एक वैज्ञानिक वजह ये भी है कि इस हुक्म का मकसद बिस्तर पर कीड़े मकोड़ों या किसी और नुकसान देह चीज़ जो आपके बिस्तर में मौजूद हो आप उससे आगाह हो जाएँ वैज्ञानिक रिसर्च ये भी कहती हैं अगर आप ऐसा नहीं करते तो इसका एक और बढ़ा नुक्सान ये भी हो सकता है के जब आप सोते हैं तो आपके जिस्म में मेटाबोलिज्म का सर्क्युलेशन 24 घंटे लगातार जारी रहता है, जिससे हर पल सैकड़ों नए सेल बनते और पुराने टूटते हैं। हैरत अंगेज़ बात ये है कि सोने के दौरान जिस्म में टूटने वाले सेल बिस्तर पर ही गिर जाते हैं, जो बहुत छोटे होने के वजह से नज़र नहीं आते। अगर बिस्तर बिना झाड़े़ लेट जाएं तो यह मुर्दा सेल जिस्म में अंदर पहुंचकर आपको कई खतरनाक बीमारियों की वजह बन सकते हैं.

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