माशाअल्लाह, लोगों को बाढ़ में फंसता देख मुस्लिमों ने खोले मस्जिदों के दरवाजे और की खिदमत

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दुनिया कुछ भी कहे लेकिन हमारे हिंदुस्तान की बात ही निराली है हालांकि कुछ लोग जिनकी तादाद मुट्ठी भर से भी ज्यादा नहीं है लोगों में फूट डालने का काम कर रहे हैं लेकिन कभी-कभी मुसीबत के समय कुछ लोग ऐसा कर देते हैं जिसको देखकर ऐसा लगता है कि वाकई में इंसानियत अभी भी जिंदा है.

हम यहां किसी धर्म विशेष की बात नहीं कर रहे हैं सोशल मीडिया पर आपने ऐसे कई किस्से देखे होंगे कि मुसीबत के समय हिंदू भाइयों ने मंदिरों के दरवाजे खोल दिए या सिख लोगों ने अपने गुरुद्वारे में लोगों को पनाह दी और इस बार ऐसा ही एक किस्सा मध्यप्रदेश के रायसेन में हुआ है जहां पर सारे शहर में मूसलाधार बारिश होने के कारण हालात बद से बदतर हो गए थे और उसके चलते विदिशा भोपाल सहित सागर का मार्ग भी बंद हो गया था और चारों तरफ से संपर्क कट गया था.

साथ ही रीछन नदी जोरों से उफान पर होने के कारण बुंदेलखंड को राजधानी भोपाल से जोड़ने वाला मेन रास्ता भी पूरी तरह से बंद हो गया था. ऐसे में बसों में जो यात्री सफर कर रहे थे वह बीच में फंस गए और जब भूखे-प्यासे इन यात्रियों को वहां के मुस्लिम लोगों ने परेशान होते देखा तो उन्होंने वहां की तमाम मस्जिदों के दरवाजे उन भूखे-प्यासे यात्रियों की मदद के लिए खोल दिए.

और जिसने जैसा भी बना हर इंसान ने उनकी मदद की और ऐसे में उन लोगों को काफी राहत मिली और उन्होंने ये एलान भी कर दिया कि मस्जिदें हैं हम सबके लिए हैं और कोई भी यहां पर आराम कर सकता है इसके बाद उन्होंने सभी यात्रियों के लिए खाने पीने की व्यवस्था भी की और छोटे बच्चों के लिए दूध का इंतजाम भी किया इसके अलावा जिन लोगों के कपड़े भी गए थे उनको सुखाने के लिए भी व्यवस्था की जब कभी ऐसा देखने में आता है तो बहुत अच्छा लगता है. बहुत अच्छा लगता है

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