राम मंदिर पर लड़ाने वाले नेताओं सुनों, अब हनुमान मंदिर ट्रस्ट बनवाएगा अयोध्या में मस्जिद

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हनुमानगढ़ी ट्रस्ट ने हिंदू-मुस्लिम समुदाय की सदियों पुरानी गंगा-जमुनी तहजीब को आगे बढ़ाते हुए अयोध्या में 300 साल पुरानी आलमगिरी मस्जिद की भूमि पर नई मस्जिद बनाने और वहां नमाज अदा करने का फैसला किया है।

आज अयोध्या का नाम सुनते ही आपके मन में इसकी क्या छवि उभरती है ? ईश्वर के घर की या फिर खून में लतपत लाशों की ? मुमकिन हो आज भी ऐसे लोगों की संख्या कम न होगी जो अब भी इसे आस्था के स्थल के रूप में देखते होंगे लेकिन कट्टरता और तमाम तरह के पुराग्रह से मुक्त व्यक्ति की नज़र में अब यह ऐसी भूमि बन चुकी है जिसने हज़ारों की दुनिया उजाड़ दी.

यतीम कर दिया। खैर, इस घटना के ज़रिए सियासतदानों ने देश भर में हिन्दू और मुस्लिमो के रिश्तों में खटास लाने की पूरी कोशिश की जो अभी भी जारी है लेकिन अयोध्या के लोगों में भाईचारा अब भी कमज़ोर नहीं हुआ है जिसके बानगी पेश की है अयोध्या के हनुमानगढ़ी ट्रस्ट ने।

अग्रेजी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, मस्जिद वाले हिस्से पर अभी हनुमानगढ़ी का अधिकार है। बीते दिनों अयोध्या नगर पालिका ने आलमगिरी मस्जिद को जर्जर बताते हुए नोटिस चस्पा कर दिया था कि वहां जाना खतरे से खाली नहीं है। इसके बाद हनुमानगढ़ी ट्रस्ट ने फैसला किया है.

कि मस्जिद वाले स्थान पर न केवल दोबारा मस्जिद बनाने की अनुमति दी जाएगी, बल्कि उसका खर्च भी ट्रस्ट ही वहन करेगा और वहां नमाज पढ़ने की अनुमति भी दी जाएगी.

मंदिर के महंत ज्ञानदास ने कहा कि ट्रस्ट ने मुस्लिम भाइयों से मस्जिद निर्माण का काम कराने को कहा है जिसका सारा खर्च ट्रस्ट वहन करेगा। बताते चलें कि महंत ज्ञानदास रमजान के पवित्र महीने में अयोध्या के मुसलमान भाइयों के लिए इफ्तार का भी आयोजन करते हैं।

आलमगिरी मस्जिद का निर्माण मुगल शासक औरंगजेब के जमाने में उनकी सेना के एक जनरल ने 17वीं शताब्दी में किया था। जिसके कारण इसका नाम आलमगीर रखा गया। #source Bolta Hindustan

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