बड़ी खबर: अभी अभी- नोटबंदी के बाद अब होगी चेकबंदी

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सरकार अब डिजिटल ट्रांजेक्‍शन को और ज़्यादा बढ़ावा देने के प्रयासरत है और इसी कढ़ी के चलते आने वाले समय में हो सकता है की चेकबुक जल्‍द ही बंद हो जाय. सरकार इसके लिए जल्‍द ही एक रोडमैप तैय्यार करेगी और फिर इस नियम को लागू कर दिया जाएगा.

हालांकि सरकार ने ये पहले ही स्पष्ट कर दिया था की देश में भ्रष्टाचार रोकने और ब्लैक मनी को बहार निकालनेके लिए बहुत तरह के नियम और बदलाव कर सकती है जो ज़रूरी होगा. विशेषज्ञों का अभी इस बारे में कोई मत नहीं आया है.

सरकार के इस निर्णय से आगे चलकर इकोनॉमी को कैशलेस बनाने में काफी ज़्यादा मदद मिल सकेगी और इससे केंद्र सरकार का सपना भी पूरा हो सकता है. फिलहाल इसकी इसकी जानकारी उद्योग संगठन कॉन्‍फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के द्वारा दी गई है.

कैशलेस इकोनॉमी को मिलेगा बढ़ावा

आपको बताते चलें की कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार डेबिट एवं क्रेडिट कार्डों के इस्‍तेमाल करने के लिए आम जनता को को उत्‍साहित करने की बहुत जरुरत है. उन्‍होंने कहा कि संभावना है कि बहुत जल्द ही डिजिटल लेनदेन को और अधिक बढ़ाने के लिए सरकार चेकबुक सुविधा को वापस ले सकती है..

इतना खर्च होता है नोटों पर

हमारी सरकार 25000 करोड़ रुपए का खर्च सिर्फ नोटों की छपाई पर कर देती है, और तकरीबन 6000 करोड़ रुपए उन छपे हुए नोटों की सुरक्षा पर खर्च हो जाते हैं. अब इस अनावश्यक खर्च पर लगाम लगाने के लिए ही सरकार ने अपनी तरफ से पूरी कोशिशें जारी कर दी है. अगर डिजिटल लेन-देन ज़्यादा बढ़ जाएगा तो फिर यह खर्च न के बराबर रह जाएगा.

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