और हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैह वसल्लम की सिर्फ ये बातें पढ़कर इस्लाम क़ुबूल कर लिया इन्होंने

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ये वाक़्या है एक ऐसे शख्श का जो यूरोप में रहने वाला था और इन्होने अपने जीवन का एक बढ़ा हिस्सा काफिर रहते हुए गुज़रा था. लोगों को बेहद ताज्जुब हुआ जब ऐसे इंसान ने इस्लाम को क़ुबूल किया और जब उस इंसान से पूछा गया कि तुझे इस्लाम की ऐसी कौन सी बात भा गयी जिससे तूने इस्लाम को अपना सब कुछ मान लिया.

जब उस शख्श से लोगों ने बार-बार यह पूछा तो उसने एक महफ़िल में सभी लोगों को यह बताया की ऐसी कौन-कौन सी बात में तुम लोगों को बताऊ या समझौ जिससे में मुसलमान हो गया. इस बात का असली एहसास तुम्हें खुद ही हो जाता है जब आप इस्लाम के बताये रास्ते पर चलने लगते हो.

हां अगर सुनना चाहते हो तो एक वाक़या है और यही वह खास वजह रही है जिससे मैंने इस्लाम कुबूल करने का फैसला कर लिया था इस यूरोपियन आदमी ने बताया कि मैंने देखा हुजूर सल्लल्लाहो वसल्लम की महफ़िल लगी हुई थी वहां सारे आदमी बैठे हुए थे तभी एक आदमी आया और उसने गिड़गिड़ाते हुए कहा कि या रसूल अल्लाह मेरा बेटा पिछले 3 दिन से लापता है और मैं आपके पास इसलिए आया हूं अगर आप दुआ कर देंगे तो मुझे पूरा यकीन है की मुझे मेरा बेटा मिल जाएगा.

अभी हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम उसके लिए दुआ करने ही वाले थे कि इस महफिल में बैठा हुआ है एक शख्स बोल पड़ा ए-हुजूर मैं इस इंसान के बेटे को पहचानता हूं और वह पास के ही फलां बाग़ में खेल रहा है, और अभी थोड़ी देर पहले ही मैं उसे देख कर आया था.

और यह बात सुनते ही जो इंसान हुज़ूर के पास दुआ की फरमाइश लेकर आया था उसने उल्टे पांव दौड़ लगा दी, इस पर हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बोला की इसको बुलाओ ये कहाँ भगा जा रहा है.

और लोगों ने उसको आवाज दी तो वह रुका और वापस हुजूर के पास आया और हुज़ूर ने पूछा क्यों तुम्हें बहुत जल्दी पड़ी है जाने की…. उसने कहा हुजूर मेरा बेटा है, और पिछले 3 दिन से मैं और उसकी मां काफी परेशान है यहां तक कि हमने पिछले 3 दिनों में ठीक से कुछ खाया पिया भी नहीं है.

सोच रहा हूं वह जल्दी से मिल जाए तो मैं उसे उसकी मां के पास ले जाऊं और से मिलवा दूं पिछले 3 दिनों से रो रोकर उसका बुरा हाल है हो गया है और मैं भी बहुत ही ज्यादा परेशान है. उसकी बात सुनकर हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम बोले ठीक है जाओ लेकिन तुम्हें बुलाने की एक बेहद खास वजह थी…

इतना सुनकर उस इंसान ने पूछा कि आप बताइए हुजूर ऐसी कौन सी बात थी…. जिसकी वजह से आपने मुझे जाने से रोका और वापस अपने पास बुला लिया उसकी यह बात सुनकर रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम बोले कि जब तुम्हें तुम्हारा बेटा मिल जाए तो उसे देखकर तुम दूर से ही बेटा कहकर मत बुलाना बल्कि तुमने जो उसका नाम रखा हुआ है…..

उसे उसके उस नाम से पुकारना इसके बाद उसने बोला ठीक है बोलै में ऐसा ही करूंगा लेकिन मैं यह जानना चाहता हूं कि वह मेरा बेटा है अगर मैं उसकी नाम लेने की जगह बेटा कहकर भी पुकारकर लेता तो उसमें क्या हर्ज हो सकता है.

हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कहा तुम अपने बेटे से पिछले 3 दिन से बिछड़े हुए हो और तुम्हारे लक़ब में जबरदस्त मिठास होगी और हो सकता है उस दौरान उस बाग में खेलने वाला कोई और बच्चा भी हो जो यतीम हो और जब तुम अपने बेटे को बेटा कह कर पुकारोगे तो उसका कलेजा फट जाएगा और वह ग़मगीन दिल से सोचेगा कि काश अगर आज मेरा बाप भी जिंदा होता तो वह मुझे भी ऐसे ही बड़े प्यार से बेटा कहकर पुकारते.

इसके बाद हुज़ूर फरमाते हैं कि बेशक तुम उसे अपने घर ले जाने के बाद अपना शौक पूरा कर सकते हो इसके बाद वह वापस आते हुए सोचने लगा इस्लाम में इतनी छोटी छोटी बातों का कितना ख्याल रखा जाता है….. और उसके बारे में उसके दिल में एक अजीब तरह की इस्लाम को और ज्यादा जानने की ख्वाहिश पैदा हो गई.

और उसने इस तरह की बहुत बातें जो अच्छाइयों से भरी हुई थी जो तमाम लोगों से उसकी मालूमात हासिल की और उसके बाद वह मुसलमान बन गया…. तो देख लिया दोस्तो आपने कैसा होता है इस्लाम… हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का कहना है कि इस्लाम कभी भी इजाजत नहीं देता कि आप किसी भी बेवा के सामने अपनी बीवी को प्यार करो…

या किसी भी गरीब के सामने अपनी दौलत की नुमाइश करो…..और यहां तक कि आप अपने घर में पक रहे गोश्त की खुशबू से अपने किसी भी गरीब पड़ोसी को तकलीफ ना दो… अगर ऐसा है तो उसमें एक कटोरी पानी और डाल दें और एक प्याली शोरबा अपने गरीब पड़ोसी के घर भी भेज दे….

और अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो इस्लाम के हुकुम के मुताबिक आप खाना तब पकाओ जब आपके गरीब पड़ोसी के बच्चे सो जाएं क्योंकि अगर आप की बनाई हुई खाने की खुशबू को सूंघकर उन्होंने जिद कर ली और वह गरीब अपने बच्चों को वह खाने की चीज़ न दे पाया और उसके बच्चों की आंखों से अगर आंसू का एक कतरा भी गिरा तो उस गुनाहों के जिम्मेदार सिर्फ सिर्फ आप बनोगे…

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