फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले भारत सहित 128 देशों के नाम एर्दोगान ने दिया बड़ा शुक्रिया सन्देश

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तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोगान ने जेरुसलम पर सयुंक्त राष्ट्र महासभा में हुए मतदान के परिणाम पर ख़ुशी जाहिर की है. साथ ही अमेरिका की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से फैसले को बिना किसी देरी के बदलने की मांग की है.

गुरुवार को हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा में जेरूसलम विवाद पर संयुक्त राज्य के फैसले की स्पष्ट अस्वीकृति का तुर्की ने स्वागत किया, गुरुवार को हुई वोटिंग में जेरुसलम के फैसले पर 100 से अधिक देशो ने समर्थन किया.

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने भी ट्वीट कर कहा की “वह संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुए वोटिंग का स्वागत करते हैं, जहां 100 से अधिक देशों ने फिलिस्तीन का स्वागत किया, और ट्रम्प के इस फैसले को रद्द करने के लिए भारी मतों से समर्थन दिया है। एर्दोगान आगे लिखा, हम अपेक्षा करते हैं कि ट्रम्प प्रशासन बिना किसी देरी के दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय को रद्द कर दे, जिसकी अवैधता को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा स्पष्ट रूप से स्थापित किया गया है.


एर्दोगान ने कहा की “मै अपनी और तुर्की के लोगों की तरफ से मैं उन सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जो फिलिस्तीन और अल-कुदस अल-शरीफ का समर्थन करते हैं.

राष्ट्रपति के प्रवक्ता इब्राहिम कलिन ने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा के अस्वीकृति के लिए अपनी मंजूरी व्यक्त की, कालीन ने जेरुसलम, फिलिस्तीन और अंतरराष्ट्रीय न्याय के लिए इस फैसले को ऐतिहासिक कहा, और कहा की “उन्हें उम्मीद थी की इस फैसले से सबको फायदा होगा.


कुल मिलाकर 128 सदस्यों ने जेरूसलम के पक्ष में मतदान किया, नौ देशों ने मतदान अमेरिका के पक्ष में मतदान किया और 35 अन्य ने मतदान नहीं किया. तुर्की के यूरोपीय संघ के मंत्री ओमर सेलिक ने ट्वीट किया “हालांकि यह गैर-बाध्यकारी है, यह बहुत प्रभावी होगा क्योंकि यह खतरे और ब्लैकमेलिंग से वैधता को परिभाषित करता है” उन्होंने यू.एन. के फैसले को टर्निंग पॉइंट के में परिभाषित किया.

और कहा की “यह जेरुसलम के लिए एक अच्छा और ऐतिहासिक दिन है, इस दिन वैधता का बचाव करने वाले सभी लोग जीते हैं, फिलिस्तीनियों को उम्मीद है की “जेरुसलम उनकी भावी राजधानी होगी.

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