हिंदुस्तान में अगर अमन-चेन और सुकून चहिये तो हज़रत उमर जैसी हुकूमत करने वाला होना चाहिए

0
17
शेयर करें
  • 10K
  •  
  •  
  •  
  •  
    10K
    Shares

हज़रत अम्र बिन आस मिस्र के गवर्नर थे । एक बार घोड़ो की दौड़ का मुकाबला हुवा। मुकाबले मे हज़रत अम्र बिन आस का बेटा भी शामिल था. दौड़ शुरू हुई सभी के घोड़े तेज रफ़्तार से दौडने वाले थे वैसे अरबी नस्ल के घोड़े उस ज़माने के मशहूर घोड़े थे.

लेकिन एक यहूदी लड़के का घोडा सबसे ज़्यादा तेज़ रफ़्तार था और उसने उस दौड़ में बाज़ी मार ली। वो दौड़ जीत गया. हज़रत अम्र बिन आस के बेटे ने इसी खुन्नस मे उस यहूदी लड़के की पिटाई कर डाली ।यहूदी लड़के ने (हज़रत उमर रज़ि,) को ख़त लिखा की मेरे साथ ऐसे ऐसे मामले पेश आया है और मेरे साथ हज़रत अम्र बिन आस के बेटे ने मार पिट की है.

(हज़रत उमर रज़ि.) ने फ़ौरन अम्र बिन आस को ख़त लिखा के बिना देर किये मदीना आ जाइये और हां ज़रा अपने लड़के को भी ज़रूर साथ लेकर आना और यहूदी लड़का जिसने दौड़ मे जीत हासिल की है उसको भी ज़रूर साथ लेते आना.

मदीने में जब सभी लोग आ गए तो (हज़रत उमर रज़ि,) ने अम्र बिन आस को सारा मामला बताया अम्र बिन आस ने अपने बेटे से पूछा कि क्या तुमने इस यहूदी लड़के को सिर्फ़ इसलिए मारा की उसका घोडा तुम्हारे घोड़े से आगे निकल गया और वो जीत गए तुम हार गए । लड़के ने कहा कि हां मैंने मारा था.

इतना सुनते ही अम्र बिन आस गुस्से से आग बबूला हो गए और अपना कोड़ा निकाल लिया (हज़रत उमर रज़ि,) ने कहा कि अम्र रहने दीजिये अगर आपके कोड़े मे इंसाफ़ करने की ताक़त होती तो तुमको यहाँ बुलाने की ज़रूरत ही ना पड़ती.

तो अब कोड़ा हमारा होगा और लड़का तुम्हारा होगा और यहूदी लड़के के हाथ से मार होगी और ऐसा ही इन्साफ हुवा भी उस यहूदी लड़के ने सब के सामने गवर्नर के बेटे को कोड़े मारे.

ऐसा था इंसाफ़ (हज़रत उमर रज़िअल्लाहु अन्हु) का इसीलिए महात्मा गांधी ने कहा था कि अगर हिंदुस्तान मे अमन सुकून और इंसाफ चाहिए तो उमर जैसी हुकूमत करने वाला होना चाहिए.

Comments

comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here