हदीस: क़यामत के रोज़ लोगों के पास पैसा बहुत होगा, लेकिन ज़कात लेने वाला ढूँढने से भी नहीं मिलेगा क्योंकी…

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हजरत अबु हुरैरह रजि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि कयामत कायम नही होगी हालाँकि माल बहुत ज्यादा हो जाएगा यहा तक की (माल ज्यादा होने की वजह से) आदमी जकात देने निकलेगा लेकिन उसे कोई लेने वाला नही होगा। सही बुखारी 1411

हजरत अबु हुरैरह रजि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि कयामत कायम नही होगी यहा तक कि तुम मे माल बहुत ज्यादा बढ जाएगा, यहा तक कि आदमी सदका के इरादे से माल लेकर निकलेगा, लेकिन जिस पर पेश किया जाएगा वो कहेगा मुझे इसकी हाजत नही। सही बुखारी 1412

इस हदीस मे जिस दौर ए खुशहाली और माल दौलत के ज्यादा होने का जिक्र है, इसका एक हिस्सा तो तकमील को पहुंच चुका है, जैसा कि सहाबा के दौर मे जब फुतूहात हुई और केसर व किसरा के खजाने हाथ लगे, तो यही सुरत ए हाल था|

और हाफिज इब्ने हजर रहमुतल्लाह अलैहि के बयान के मुताबिक हजरत उमर बिन अब्दुल अजीज रहमुतल्लाह अलैहि के दौर ए हुकूमत मे बहुत कम ही जकात सदका लेने वाला मिलता था, वरना सब देने वाले ही थे|

लेकिन आज सुरत ए हाल इसके खिलाफ है लेकिन कयामत से पहले जब हजरत महदी और इसा अलेहिस्सलाम का जुहूर होगा तो दोबारा यही खुशहाली का दौर लौट आएगा।

हजरत इब्ने मसऊद रजि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया — कयामत के करीब सलाम सिर्फ खास लोगो से किया जाएगा, तिजारत फैल जाएगी यहा तक कि औरते तिजारत मे अपने शोहर का तआवून करेगी, रिश्तेदारीया तोडी जाएगी, झूठी गवाही दी जाएगी, सच्ची गवाही छिपाई जाएगी और कलम का जुहूर होगा। अहमद 408/1

कलम का जुहूर होगा इसका मतलब ये है कि कलम से लिखने वालो और लिखी हुई किताबो की नशर व इशाअत कसरत के साथ होगी, जैसा कि आज ये निशानी पुरी तरह मंजर आम पर आ चुकी है, दौर जदीद की इजाद कम्प्यूटर प्रेस मशीनो ने इस काम को और आसान बना दिया है, लेकिन इस कदर खरीद फरोख्त के बावजूद इल्म उठता जा रहा है और जहालत फैलती जा रही है। अमल की कमी होगी

हजरत अबु हुरैरह रजि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया — जमाना करीब आ जाएगा, अमल कम हो जाएगा और बखीली डाल दी जाएगी।

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