‘खूनी फिल्म’ के लिए संगठनों से परामर्श लेकिन मुस्लिम महिलाओं के लिए बिना परामर्श क्रूर बिल पास- ओवैसी

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फिल्म #Padmavati को नाम बदलने के बाद मिल सकती है हरी झंडी, तथा सेंसर बोर्ड ने इसमें 26 कट लगायें है, अगर सेंसर बोर्ड की इन शर्तों पर फिल्म निर्माता फिल्म को रिलीज़ करना चाहे तो फिल्म सिनेमाघरों में दिखाई जा सकती है. वैसे तो यह हैश टैग है  लेकिन इस फिल्म के बहाने भाजपा सरकार पर असदुद्दीन ओवैसी ने तंज कसा है.

owaisi padmavati

ओवैसी ने अपने ट्विटर अकाउंट से कहा है की “2 घंटे की एक खूनी फिल्म के लिए परामर्श संगठनों के साथ किया जाता है लेकिन जब मुस्लिम महिला के लिए सशक्तिकरण और न्याय की बात आती है तो कोई परामर्श नहीं होता है, बल्कि क्रूर बहुमत से तैयार किया जाता है, दोषपूर्ण और बिल जो मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।”

गौरतलब है की लोकसभा में ट्रिपल तलाक का विरोध करते हुए ओवैसी ने इस पर प्रस्ताव लेकर आये थे जिसके पक्ष में मात्र दो वोट पड़े तथा बहुमत से 242 वोट से इसे पास कर दिया गया. इस मामले को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार कर तंजिया तौर पर कहा है की जब मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की बात की जाती है.

तो किसी धार्मिक संगठन से राय-मशवरा नही लिया जाता लेकिन जब एक खुनी फिल्म की बात सामने आती है तो उसे रिलीज़ करने के लिए विभिन्न संगठनों से परामर्श लिया जाता है.

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