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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादित फैसले के बाद फिलिस्तीनियों द्वारा किये गये विरोध प्रदर्शन में इजरायली फौज द्वारा सबसे अधिक बच्चों को निशाना बनाया गया है। ये फिलिस्तीनी ट्रंप के फैसले जिसमें उन्होंने बैतुल मुकद्दस को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता दी थी उसका विरोध कर रहे थे।

इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन करने के दौरान कई फिलिस्तीनी शहीद हुए हैं जिसमें दोनों पैरों से अपाहिज एक फिलिस्तीनी शख्स भी शामिल था, जो इजरायल की सेना की गोली का निशाना बना और शहीद हो गया.

इज़राईल फ़ौज की गोलीबारी में बच्चों और महिलाओं को विशेष रूप से निशाना बनाया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, ट्रंप की के विवादित फैसले के बाद कम से कम 345 फिलिस्तीनी बच्चे 5 दिसंहर से 18 दिसंबर के बीच इज़राईली सैनिकों की कार्यवाही में घायल हुए थे.

गौरतलब है कि फिलीस्तीनी रेड क्रेसेंट द्वारा जारी एक अलग संख्या में कहा गया था कि विरोध प्रदर्शन के दौरान करीब 3,600 फिलीस्तीनियी घायल हुए हैं, घायल होने वालों में 729 रबर की गोलियों से घायल हो गए थे.

अरब जगत के मशहूर समाचार माध्यम अल जज़ीरा  की रिपोर्ट के मुताबिक डीसीआईपी के जवाबदेही कार्यक्रम निदेशक आइद अबू इकबाईश ने बताया कि हालिया विरोधों पर इजरायल की कार्रवाई का सबसे ज्यादा चिंताजनक पहलू यह था कि “विरोध प्रदर्शन कर रही मामूली सी भीड़ को काबू करने के लिये हथियारों और असलहे का दुरुपयोग किया गया”.

प्रदर्शन कर रहे फिलिस्तीनियों पर रबर की गोलियां, स्पंज बुलेट और आंसू गैस के गोलों से भी हमला किया गया है. अपनी रिपोर्ट में, डीसीआईपी ने दो मामलों में पेपर टेबल किए जिसमें रबर बुलेट से एक फिलिस्तीनी नागरिक घायल हो गया था. वहीं एक और बच्चा अमेरिकी सैनिकों की कार्यवाही का शिकार हुआ था.

इस बच्चे के सर में नाब्लस में हुए संघर्षों के दौरान रबर बुलेट के साथ गोली मार दी गई थी। गोली की मार इतना तेज थी कि उसने बच्चे की सर की हड्डी को तोड़ दिया था। फिलहाल उस बच्चे की हालत चिंताजनक बनी हुई है. source: National Speak

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