-
5.3KShares
रसूल-अल्लाह सलअल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया जो शख्स अपने भाई की ज़रूरत पूरी करे अल्लाह सुबहानहु उसकी ज़रूरत पूरी करेगा.
जो शख्स किसी मुसलमान की एक मुसीबत को दूर करे अल्लाह सुबहानहु उसकी क़यामत की मुसीबतों में से एक बड़ी मुसीबत को दूर फरमाएगा और जो शख्स किसी मुसलमान के ऐब (बुराईयों) को छुपाए अल्लाह सुबहानहु क़यामत में उसके ऐब को छुपाएगा. सही बुखारी, जिल्द 3, 2442|
रसूल-अल्लाह सलअल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया अगर में किसी मुसलमान भाई के साथ उसकी ज़रूरत पूरी करने के लिए चलूँ तो ये मुझे इस मस्जिद ( मस्जिद ए नब्वी) में एक महीना एतकाफ़ में बैठने से ज़्यादा महबूब है. अल सिलसिला सहीहा 209|
तशरिह : उलमाओं का कहना है की इस हदीस में अंधेरे से मुराद ईशा और फजर के वक़्त का अंधेरा है , यानी इन दोनो नमाज़ों को पाबंदी से जमात के साथ पढ़ने वालो के लिए ये खुशख़बरी है|
दलील अल-फ़ातीहीन (3/558-559) रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया फ़र्ज़ नमाज़ के अलावा (सुन्नत और नवाफ़िल नमाज़े) घर में पढ़ना मेरी इस मस्जिद (मस्जिद ए नब्वी) में नमाज़ पढ़ने से भी अफ़ज़ल है|
हज़रत अबू हुरैरह रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया की जब तुम में से कोई शख्स अच्छी तरह वुज़ू करके नमाज़ के लिए निकलता है तो दाहिना क़दम उठाते ही अल्लाह सुबहानहु उसके लिए एक नेकी लिख देते हैं|
Comments
comments