बैतुल मुक़द्दस अल्लाह और नबी-ए-करीम को इतना पसंद था कि…

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बैतुल मुक़द्दस , अल्लाह और उसके रसूल को कितना ज़्यादा पसंद है कि अगर यह बात पता लग जाये तो मुसलमान सो नहीं पायेगा , जबकि बैतुल मुक़द्दस यहूदी पंजे में है.

पहली बार बैतुल मुक़द्दस को अरबों ने हासिल करके अपने दारुल हुकूमत में शामिल किया.पहली बार जब अरबों ने बैतुल मुक़द्दस को गवाया तो कुर्दों ( सुल्तान अय्यूबी रह.) ने हासिल किया.

अब जो दूसरी बार अरब ने बैतुल मुक़द्दस को गंवाया है तो खुरासानी उसे वापस लेंगे , यह बात हदीस से मनसूब है. और खुरासानी से मुराद ( पश्चिमी अफगानिस्तान, हिंदुस्तान , पाकिस्तान ) है और यह बात जुग्राफ़िया से मनसूब है.

फ़िलिस्तीन दुनिया का एक राज्यक्षेत्र है. यह इस क्षेत्र का नाम है जो लेबनान और मिस्र के बीच था के अधिकांश हिस्से पर इसराइल के राज्य की स्थापना की गई है. 1948 से पहले सभी क्षेत्र फ़िलिस्तीन कहलाता था. जो खिलाफ़त उस्मानिया में स्थापित रहा लेकिन बाद में अंग्रेजों और फ़्रांसीसियों ने इस पर कब्जा कर लिया.

1948 में यहाँ के अधिकांश क्षेत्र पर इस्राइली राज्य की स्थापना की गई. इसका राजधानी बैतुल मुक़द्दस था पर 1967 में इसराइल ने कब्जा कर लिया. बैतुल मुक़द्दस को इस्राइली येरुशलम कहते हैं और यह शहर यहूदियों, ईसाइयों और मुसलमानों तीनों के पास पवित्र है। मुसलमानों का क़िबला प्रथम यही है.

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