-
5.8KShares
हजरत हसन बसरी रह0 कहते हैं कि बसरा का वफद हजरत उमर रज़ियल्लाहु अन्हु के पास आया इनमे अहनफ बिन कैस भी थे सब को उमर रजि0 ने जाने दिया लेकिन हजरत अहनफ बिन कैस को रोक लिया और इन्हें एक साल रोके रखा इसके बाद फ़रमाया तुम्हे मालूम है मैंने तुम्हे क्यूँ रोका था ?
जवाब मिलता है की मैंने इस वजह से रोका था कि हमें रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हर उस मुनाफ़िक़ से डराया जो आलिमाना जबान वाला हो| और मुझे डर हुआ कि शायद तुम भी इनमे से हो लेकिन (मैंने एक साल रखकर देख लिया कि) इन शा अल्लाह तुम इनमे से नहीं हो !
हजरत अबु उस्मान मेहदी कहते हैं कि मैंने हजरत उमर रजि0 को मिम्बर पर फरमाते हुए सुना कि उस मुनाफ़िक़ से बचो जो आलिम हो लोगों ने पूछा मुनाफ़िक़ कैसे आलिम हो सकता है फ़रमाया बात तो हक़ कहेगा लेकिन अमल मुनकिरात पर करेगा|
हजरत उमर रजि0 ने फ़रमाया हम यह बात कहा करते थे कि इस उम्मत को वह मुनाफ़िक़ हलाक़ करेगा जो जबान का आलिम हो| हजरत अबु उस्मान मेहदी कहते हैं कि मैंने हजरत उमर बिन खत्ताब रजि0 को मिम्बर पर पर यह फरमाते सुना था.
यह कि इस उम्मत पर सबसे ज्यादह डर उस मुनाफ़िक़ से है जो आलिम हो लोगो ने पूछा ऐ अमीरुल मोमिनीन मुनाफ़िक़ कैसे आलिम हो सकता है फ़रमाया वह जबान का तो आलिम होगा लेकिन दिल और अमल का जाहिल होगा… अल्लाह गुनाहों से बचाए… अपने दीनी भाइयों तक ज़रूर शेयर करें !
Comments
comments