जब मुसलमानों ने रात में नमाज़ पढ़ी, ख़ुदा के सामने रोये और अगले दिन मैदान-ए-जंग में फ़ौलाद बन गए !

शेयर करें
  • 6.9K
    Shares

सलीबी जंगों के दौरान डेढ़ लाख मुसलमान फौज ने अटलांटिक तट पर जब पंद्रह लाख सलीबी फौज की लाशों के ढेर लगा दिए तब सलीबी फौज का बादशाह रोनाल्ड फूट फूटकर रोया… उसने एक बड़ी मीटिंग बुलायी और मुसलमान और सलीबी फौज की तुलना की… उसने पाया कि मुसलमान रातों में नमाज़ पढ़ते हैं

और अल्लाह के सामने रोते गिड़गिड़ाते हैं और सुबह मैदाने जंग में फौलाद बन जाते हैं….उसने अपने साथियों से कहा कि..”हम मुसलमानों से आमने-सामने की लड़ाई नहीं लड़ सकते क्योंकि एक मुसलमान हमारे 10 सिपाहियों पर भारी पड़ता है.

चूंकि मुसलमान जज़्बाती होते हैं.इसलिए हम इनके जज़्बात से खेलेंगे.हम इनके दिलों में शराब और औरत का नशा पैदा कर देंगे फिर देखो यह आपस में ही लड़ेंगे”….

और हक़ीक़त में ऐसा ही हुआ….सलीबियों (इसाई व यहूदी) ने कई ख़ूबसूरत लड़कियाँ मिशन के तहत मिस्र भेजीं और इसके दम पर कई मुसलमान कमाण्डरों को ग़द्दार बना दिया…

जब सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी रह. इन गद्दारों को फाँसी की सज़ा देते तो उनकी आँखों मे आँसू आ जाते कि उनके इतने भरोसेमंद कमाण्डर भी गद्दार निकले.सलाहुद्दीन अय्यूबी रह.

सात साल मिस्र में ही उलझे रहे लेकिन अपने मज़बूत जासूसी नेटवर्क से उन्होंने मिस्र से उठने वाली सारी बग़ावतों को ख़त्म कर दिया और आख़िरकार सलीबियों को शिकस्त देकर फिलिस्तीन पर इस्लामी परचम लहरा दिया…

 

Comments

comments