जिस शख्स ने 3 बार ये कलमा पढ़ लिया, उस शख्श पर जहन्नुम की आग हराम हो जाती है…

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सलमान फ़ारसी रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जिस शख्स ने 1 बार ये कलिमात कहे तो अल्लाह सुबहानहु उसका एक तिहाई (1/3) हिस्सा आग से आज़ाद फरमा देते हैं|

जिस शख्स ने 2 बार ये कलिमात कहे तो अल्लाह सुबहानहु उसका दो तिहाई (2/3) हिस्सा आग से आज़ाद फरमा देते हैं| जिस शख्स ने 3 बार ये कलिमात कहे तो अल्लाह सुबहानहु उसको पूरी तरह आग से फरमा देते हैं|

अल्लहुम्मा इन्नी उशहिदुका वा उशहिदु मलईकाताका वा हमालता अरशीक वा उशहिदु मन फ़िस-समावाती वा मन फ़िल-अर्द अन्नका अन्ता अल्लाह ला ईलाहा इल्ला अन्त. वाहदका का ला शरीका लक , वा अशहदू अन्ना मुहम्मदन अबदुका वरसूलूक|

एह अल्लाह मैं तुझे गवाह बनाता हूँ, और तेरे फरिश्तों और तेरा अर्श उठाने वालो को गवाह बनाता हूँ, और आसमान और ज़मीन में मोजूद मखलूक़ को गवाह बनाता हूँ, की तू ही अल्लाह है और तेरे सिवा कोई सच्चा माबूद नही तू अकेला है|

तेरा कोई शरीक नही और मैं गवाही देता हूँ की मुहम्मद सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम तेरे बंदे और रसूल है| अल-सिलसिला-अस-सहिहा, 2887 अल दावत अल कबीर , बैहिकी , 184 हसन

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