नबी-ए-करीम फरमाते हैं इस शहर के रास्तों पर हमेशा फ़रिश्ते हिफाज़त करते हैं

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अबू हुरैरा रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया मदीने के रास्तों पर फरिश्ते हैं ना इसमें ताऊन( प्लेग की बीमारी) आ सकती है और ना दज्जाल सही बुखारी, जिल्द 3, 1880

अनस रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया एह अल्लाह जितनी मक्का में बरकत आता फरमाई है मदीने में उस से दुगुनी बरकत अता फरमा सही बुखारी,

जिल्द 3, 1885 आईशा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया या अल्लाह हमारे दिलों में मदीने की मुहब्बत इस तरह पैदा कर दे जैसे मक्का की मुहब्बत है बल्कि इस से भी ज़ियादा सही बुखारी, जिल्द 3, 1889

इब्न उमर रदी अल्लाहू अन्हु  से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम  ने फरमाया तुम में से जो ये कर सके की वो मदीने में आकर मरे तो वो ऐसा ज़रूर करे इसलिए की मैं मदीने में मरने वाले के हक़ में गवाही दूँगा सुनन इब्न माज़ा , जिल्द 2, 1269-हसन

हदीस: ज़ैद बिन असलम रदी अल्लाहू अन्हु ने अपने वालिद से सुना की हज़रत उमर रदी अल्लाहू अन्हु ये कहा करते थे या अल्लाह मुझे तेरे रास्ते में शहादत नसीब फरमा और तेरे रसूल सललल्लाहू अलैही वसल्लम के शहर (मदीना) में मौत नसीब फरमा सही बुखारी, जिल्द 3, 1890

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