शेयर करें
  • 3.3K
    Shares

मुस्लिम समाज में चूंकि दलित जैसा न तो कोई शब्द है न उसकी अवधारणा उनके समाज में है। इसीलिए अन्याय का प्रतिकार करना वह जानता है। और इसी यंग्री यंगमैन मुसलमान को अक्सर कट्टरपंथी हिंदुत्त्ववादी चिढ़कर उन्हें अराष्ट्रवादी और देशद्रोही तक बोल देते हैं.

पर विदेश में जाकर यह मुसलमान ही भारत की जिस तरह से रहनुमाई करता है वह काबिलेतारीफ है। हिंदू तो अक्सर दब्बू और डरपोक होता है और वह गाली खाकर भी खीसें निपोरता रहता है। मोहनदास कर्मचंद गांधी जब दक्षिण अफ्रीका गए तो वहां अनपढ़ अब्दुल्ला सेठ ने उन्हें कहा कि अन्याय का प्रतिकार करो.

और देखो मैं तो स्वयं को अरैबिक बताकर अंग्रेजों के जुल्म से मुक्त हो सकता हूं पर तुम तो हिंदू हो तुम्हें ये थर्ड ग्रेड नागरिकता ही देंगे। उन्होंने गांधी जी से कहा कि माना कि तुम मेरे वकील हो और तुम्हारे आंदोलन करने से मेरा पैसा फँस जाएगा लेकिन इतना निर्मम व्यापारी मैं नहीं कि अपने स्वार्थ के लिए अपने देशवासियों का अपमान होते देखता रहूं.

यह तो पुरानी बात है मगर याद रखो हिंदुत्त्व और भारत राष्ट्र के स्वघोषित भक्तों कि जिन ओवैसी को तुम पानी पी-पीकर कोसते हो उन्होंने पाकिस्तान के एक भारत विरोधी चैनल की धज्जियां उड़ा दीं यह कहकर कि हमें हमारे देश का संविधान पूरी आजादी देता है.

पर तुम तो अल्पसंख्यकों का जीना मुहाल किये हो इसलिए आप लोग कृपया भारत के मुसलमानों की फिक्र तो मत ही करो। यही कारण है कि एशिया के बाहर सारे देशों में पाकिस्तानी नागरिक अपने को भारतीय मुस्लिम कहते हैं।

Comments

comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *