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तिब्बती लीडर दलाई लामा जिन्हें नोबेल भी दिया जा चुका है ने कहा कि क़ुरान एक मुक़द्दस किताब है जो ख़ुदा की तरफ़ से मानवत की रहनुमाई और समाज की भलाई के लिए एक तोहफ़ा है.
कर्नाटक मुस्लिम के मुताबिक़, उन्होंने ये ख़यालात मैसूर में बुद्ध-समाज की ग्रैंड-ग्लोबल मीट के दौरान साझा किये. इस मौक़े पर दलाई लामा ने पैग़म्बर मुहम्मद साहब (ﷺ) की मानवता के लिए की गयीं सेवा को भी याद किया.
उन्होंने कहा कि पूरी इंसानियत के लिए पैग़म्बर मुहम्मद साहब (ﷺ) एक बेहतरीन मिसाल हैं दुनिया-भर में अमन और आतंकवाद के ख़ात्मे के लिए हमें मुहम्मद साहब के रास्ते पर चलना चाहिए.
मुहम्मद (ﷺ) साहब (ﷺ) का पैग़ाम अमन, मोहब्बत, न्याय और समानता का है जो हमेशा ही पूरी इंसानियत के लिए एक रौशनी हैं” उन्होंने कहा. “बायलाकुप्पा में हुए इस प्रोग्राम में दुनिया भर के बुद्ध लोग जमा हुए”
कर्नाटक मुस्लिम ने बताया कि CMA के ज़िला-सदर मुश्ताक़ अहमद ने क़ुरान के इंग्लिश तर्जुमे की एक कॉपी दलाई लामा को दी.
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