रिवायत है की जन्नत में ऐसे हौज़ होंगे जिनका पानी दूध से ज़्यादा सफ़ेद खूश्बु मुश्क से भी ज्यादा अच्छी…

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अब्दुल्ला बिन अम्र रदि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूल अल्लाह सल-अल्लाहु अलैहि वसलम ने फरमाया मेरा हौज़ (क़ौसर) एक महीने की मुसाफत (यानि उसको पार करने के लिए एक महीना चलना पड़ता है) बराबर होगा.

इसका पानी दूध से ज्यादा सफेद औए इसकी खूश्बु मुश्क से भी ज्यादा अच्छी होगी और इसके प्याले आसमान के सितारों के तादाद के बराबर होंगे जो सख्स इसमें से एक बार पी लेगा वो फिर कभी (मैदान-ए-महशर में) प्यासा ना होगा. सही बुखारी,जिल्द-8,हदीस-6579

उक़बा बिन आमिर रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम हमारे पास आए और फरमाया की तुम में से कौन चाहता है की रोज़ सुबह को बूतहान या अक़ीक़ को जाए (ये दोनो मदीना के बाज़ार थे)

और वहां से बगैर किसी गुनाह के और बगैर किसी रिश्तेदार की हक़ तल्फि के दो बड़े बड़े कुहान वाली ऊटनियां लाए , हमने अर्ज़ किया या रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम हम सब इसको चाहते हैं तो आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया तुम में से जो कोई मस्जिद की तरफ जाता है की वो अल्लाह की किताब से दो आयतें खुद पढ़ ले या सीखा दे.

ये उसके लिए दो ऊंटनियों से बेहतर है , और तीन (आयतें पढ़ना या सीखाना) तीन (ऊंटनियों) से बेहतर है , और चार (आयतें पढ़ना या सिखाना ) चार से बेहतर है इस तरह आयतों की तादाद ऊंटनियों की तादाद से बेहतर है. सही मुस्लिम, जिल्द 2 , 1873

अबू सईद खुदरी रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम जब कभी नमाज़ शुरू फरमाते तो ये पढ़ते
سُبْحَانَكَ اللهُمَّ وَبِحَمْدِكَ وَتَبَارَكَ اسْمُكَ وَتَعَالٰی جَدُّكَ وَلَا إِلَهَ غَيْرَكَ
सुबहानाका अल्लाहुम्मा वा बिहम्दिका वा तबारकास्मुका वा त़ाअला जद्दुका वा ला ईलाहा गयरुका
एह अल्लाह तू पाक़ है अपनी तारीफ के साथ , तेरा नाम बरकत वाला है , तेरी शान बुलंद है , और तेरे सिवा कोई सच्चा माबूद (ईबादत के लायक) नहीं.
सुनन इब्न माजा , जिल्द 1, 804-सही

अब्दुल्लाह बिन मसूद रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया अल्लाह सुबहानहु को सबसे ज़ियादा पसंद कालीमात ये है की उसका बंदा कहे.

سُبْحَانَكَ اللهُمَّ وَبِحَمْدِكَ وَتَبَارَكَ اسْمُكَ وَتَعَالٰی جَدُّكَ وَلَا إِلَهَ غَيْرَكَ

सुबहानाका अल्लाहुम्मा वा बिहम्दिका वा तबारकास्मुका वा त़ाअला जद्दुका वा ला ईलाहा गयरुका एह अल्लाह तू पाक़ है अपनी तारीफ के साथ , तेरा नाम बरकत वाला है , तेरी शान बुलंद है , और तेरे सिवा कोई सच्चा माबूद (ईबादत के लायक) नहीं. अल सिलसिला अस सहिहा, 2809 अल बैहिक़ी, 601-सही

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