वोह शाह ए आलम رضي الله عنه ज़िनके सामने शहनशाह ए जिन्नात भी अदब से सलाम पेश करते थे

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रिवायत है रवा फैज् का दरिया हजरत सय्यद शाह ए अालम के शहर मैं वो शाह ए अालम जो हम शबी ए हम शक्ले मुस्तुफा ﷺ हैं वो शाह ए अालम رضي الله عنه ज़िन्हे फरजंदे रसूल इब्राहीम رضي الله عنه के कल्ब पर विलायत अता की गयी.

वो शाह ए अालम رضي الله عنه ज़िनके वालिद कुतुब अकताब अबदुल्लाह बुरहान उद्दीन رضي الله عنه जो मकाम ए अग अब्दियत पर फेज है जिनकी कुतबियत विसाल के बाद भी वापस ली नही गयी.

वो शाह ए अालम ज़िनकी वालिदेन बीवी आमेना ज़िनकी पाक बतन से शाह ए अालम कुरान की तिलावत करते हुये 30 पारों की हूँ हाफिज पैदा हुई वो शाह ए अालम ज़िनके दादा नसीरुद्दीन नौसा जो कुतुबो की कान (valley) है.

वो शाह ए अालम ज़िनके पर दादा मखदूम जहानिया जहागस्त ज़िनहौने दुनिया को 2 बार सफर किया 36 हज ए अकबर अदा किये मसजिद नबवी मैं ईमामत की जिनके एक इशारे से सूरज रूक गया ज़िनके कदमों मैं चांद आ गया.

वो शाह ए अालम ज़िनके वालिद के पर दादा सल्तनत औलिया अहमद कबीर जो खौफे खुदा से कभी बिशतर पर सोये नही गर्मी और सर्दी का एक ही लिबास पहनते थे.

वो शाहए आलम जिनके पर दादा के दादा जलालउद्धीन शुर्खपोश बुखारी ज़िनके लबों से टच होने वाला कटोरा जिक्रे इलाही करता था.

बचपन मैं मुर्दा जिन्दा कर दिया आपके वालिद ने शरियत ए मुस्तुफा के तहत मुमानियत फरमायी तो बोले अगर आप मना ना करते तो बुखारा शहर मैं किसी को मारने ना देता.

वो शाहए आलम ज़िनके खानदान मैं 3 औलिया मकाम ए महबूबीयत पे फैज है वो शाहए आलम जिनकी रगों मैं 10 ईमाम +10 गौस मौला अली से लेकर ईमाम अली नकी رضي الله عنه का खून है.

वो शाहए आलम ज़िनके एक भाई महमूद दरिया नौस رضي الله عنه यानी इल्म के दरिया पी जाने वाले हैं. वो शाहए आलम जिनकी एक बहन बीवी फिरदोस मां के पेट से कुरान की हाफिज थी.

वो शाहए आलम जिनके फरजन्दों को खुद हुजूर ने 10 दींन तक बुखारी शरीफ का सबक दिया वो शाह ए अालम رضي الله عنهजिनके खानदान के बुजुर्गों के पास 114 सिलसिलों की खिलाफत 14 खानवादो के खिरके थे.

वो शाह ए आलम رضي الله عنه जो अपने वालिद के आपके वालिद उनके वालिद आपके दादा उनके वालिद के आपके पर दादा उनके वालिद के ही मुरीद बने वो शाह ए अालम رضي الله عنه ज़िनके वालिद को हुजूर ﷺ ने सीधे खिरका दिया था
वो शाह ए अालम رضي الله عنه ज़िनकी विलादत के मौके पर फरिस्ते दीदार के लिये आये.

वो शाह ए अालम رضي الله عنه ज़िनको खुद हुजूर ﷺ ने ईमाम ए मुफस्सल बचपन मैं पढ़ाई वो शाह ए अालम رضي الله عنه जिनको हुजूर ﷺ ने अपनी गोद मैं बिठाकर खुल्फा ए रासेदिन से तार्रूफ करवाया वो शाह ए अालम رضي الله عنه किसी भी मुसकिल मसले का हल करने सीधे हुजूर ﷺ को पूछते थे.

वो शाह ए आलम رضي الله عنه ज़िनको शाह ए अालम का लकब पंजतन पाक और बरकउल्लाह चिस्ती رضي الله عنه से मिला वो शाह ए अालम رضي الله عنه जो हर रोज 1000 रकात नवाफिल पढ़ते थे.

वो शाह ए अालम رضي الله عنه जो सिर्फ़ जुमा के दिन हुजरे मैं से बाहर आते थे. वो शाह ए अालम 5 वक्त की नमाज खाना ए काबा मैं अदा करते थे. वो शाह ए अालम رضي الله عنه ज़िनके लिये गौसे आजम رضي الله عنه ने फरमाया शाह ए अालम का दीदार मेरा दीदार वो और हम एक ही हैं.

वो शाह ए आलम رضي الله عنه जिनके लिये जन्नत से शराब ए तहूरा हर रोज आती थी. वो शाह ए अालम رضي الله عنه जिसने लोह ए महफूज से आया फरमान फाढ दिया.

वो शाह ए आलम رضي الله عنه ज़िनके लिये दीवार घोडा बन गयी वोह शाह ए आलम رضي الله عنه ज़िनके सामने शहनशाह ए जिन्नात भी अदब से सलाम पेश करते थे.

वो शाह ए आलम رضي الله عنه जिनका तोता हाफिज् ए कुरान था वो शाह ए अालम رضي الله عنه जिनके जलाल से कबरिस्तान के मुर्दे जिन्दा होकर कब्र से बाहर आ गये.

वो शाह ए अालम رضي الله عنه जिनकी दुआ से 90 साल की अग औरत को बेटा हुआ.

वो शाह ए अालम رضي الله عنه जिनकी नेगेहबानी मैं पलने वाला लड़का गुजरात का सबसे बड़ा बादशाह महमूद बेगड़ा जिसने 50 साल से ज्यादा हुकूमत की अौर दुशमन ए दीन की धज्जियां उड़ा के फेंक दी.

वो शाह ए अालम رضي الله عنه जिनके घर की खादिमा रूहानी ताकत से गुजरात मैं बैठे बैठे हाथ लम्बा कर मक्का के सैंआल को खाना खिला सकती थी.

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