इस्लाम में बेटियों को क्या दर्जा दिया गया है, पढकर गर्व महसूस करेंगे- बहन बेटियों तक शेयर करें

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हज़रत मोहम्मद मुसतफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने क्या फ़रमाया है बेटियों के बारे में:

. अल्लाह के रसूल ने फ़रमाया औरत के लिए यह बहुत मुबारक है कि उसकी पहली औलाद लड़की हो.
. जिस शख्स की बेटियां हों उसे बुरा मत समझो क्योंकि मैं भी बाप का लड़का हूँ.
. जब कोई लड़की पैदा होती है तो अल्लाह ताला फरमाता है ए तू ज़मीन पर उतर मैं तेरे बाप की मदद करूंगा.
. जब अल्लाह खुश होता है तो ज़मीन पर बेटी पैदा करता है.
. जब किसी के यहाँ लड़की पैदा होती है तो अल्लाह ताला के फ़रिश्ते आते हैं और कहते हैं घर वालों तुम पर सलामती नाजिल हो.
. जिस की दो लड़कियां हों और उन्होंने उनकी परवरिश की हो तो अल्लाह ताला उन लड़कियों को उनके लिए दोज़ख से आड़ बना देगा.


जिस मुसलमान की दो बेटियां हो और वह उनके साथ अच्छा बर्ताव करे। जब तक वो दोनों उनके पास रहें ,तो यह बेटियां उसको जन्नत में दाखिल कराएंगी।

जो घर अल्लाह को पसंद आता है अल्लाह उस घर बेटी की रेहमत भेजता है। बेटियां अल्लाह की तरफ से एक अज़ीम नियामत हैं।

प्यारे नबी फरमाते हैं:

औरत के लिए बहुत ही मुबारक है के उसकी पहली औलाद बेटी हो। तुम लोग बेटियों लको बुरा मत समझो इस लिए के में भी चंद बेटियों ला बाप हु। जब कोई लड़की पैदा होती है तो अल्लाह ताला फरमाता है -ए लड़की तू ज़मीन पर उतर में तेरे बाप की मदद करूँगा.

प्यारे नबी ने एक शख्स से जो बेटी की पैदाइश पर ग़मज़ादा था। उससे फ़रमाया :तुम्हरे यहाँ लड़की पैदा हुई है और तुम उसे खुश नहीं हो?क्या वो तुम्हारा कोइ नुकसान करती है.

वो तो एक फूल है जो तुम्हें खुशबू के लिए दिया गया है और फिर उस की रोज़ी खुदा के ज़िम्मे है। ज़मीन उसे उठाने के लिए मौजूद है ,आसमान साया डालने को और खुदा रोज़ी देने को.

इमाम जफर ए सादिक़ (अ.स) ने फ़रमाया :तुम्हारी बेटियां नेकियां हैं ,और बेटे नैमत हैं,खुदा हर नेकी पर अज़्र अता फरमाएगा और हर नैमत पर सवाल करेगा।

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