जब आप (स.अ.व.) पर कोई सख्ती या परेशानी पेश आती तो आप ये दुआ पढ़ते- देखें और शेयर करें

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अनस रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह साल-अल्लाहू अलैही वसल्लम पर जब कोई सख्ती या परेशानी पेश आ जाती तो आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ये दुआ फरमाते.

يَا حَىُّ يَا قَيُّومُ بِرَحْمَتِكَ أَسْتَغِيثُ
या हय्यू या क़य्यूम, बी-रहमतिका अस्तगीस एह ज़िंदा हमेशा क़ायम रहने वाले तेरे रहमत के वसीले से फ़रियाद करता हूँ. जामिया तिरमिज़ी , जिल्द 2,1451-हसन

उमर बिन खत्ताब रदी-अल्लाहू-अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो शख्स अच्छी तरह वुज़ू करे और फिर कहे की

أَشْهَدُ أَنْ لاَ إِلَهَ إِلاَّ اللَّهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ

अशहदु अल्ला ईलाहा इल-अल्लाहू, वा अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू वा रसूलुहु

(मैं गवाही देता हूँ की अल्लाह के सिवा कोई माबूद नही और मुहम्मद(सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ) अल्लाह के बंदे और रसूल हैं)

ऐसे शख्स के लिए जन्नत के 8 दरवाज़े खोल दिए जायेंगे और वो शख्स जन्नत के जिस दरवाज़े से चाहे दाखिल हो जाए
सुनन नसाई, जिल्द 1, 150-सही

रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया मुझ पर दुरुद भेजा करो क्यूंकि मुझ पर दुरुद भेजना तुम्हारे लिए पाकीजगी का सबब है , अल्लाह सुबहानहु ने मेरी कब्र के पास एक फ़रिश्ता मुक़र्रर किया है जब मेरा कोई उम्मती मुझ पर दुरुद भेजता है तो वो फ़रिश्ता मुझसे कहता है की एह मुहम्मद सलअल्लाहू अलैही वसल्लम फलाह बिन फलाह ने आप पर दुरुद भेजा है. अल सिलसिला अस सहीहा 2863, 2778

रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया मुझ पर दुरुद भेजते रहना क्यूंकी तुम्हारा दुरुद मुझ तक पहुंचा दिया जाता है चाहे तुम किसी भी जगह हो. सुनन अबू दाऊद, जिल्द 2, 274, सही

रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जब तक नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम पर दुरुद ना पढ़ा जाये हर दुआ रोक ली जाती है. अल सिलसिला अस सहीहा, 2913 अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मद वा अला आली मुहम्मद

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