जब हुज़ूर (स.अ.व.) जिब्रील अलैहि सलाम के पास तशरीफ़ लाए और बताया की अल्लाह…

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मुआविया रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है की एक बार रसूलअल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम सहाबा की मजलिस में तशरीफ़ लाए और उनसे वहां बैठने की वजह पूछी तो उन्होंने कहा की हम यहाँ अल्लाह का ज़िक्र और उसकी तारीफ कर रहे हैं, जिसने हमें इस्लाम की दौलत से नवाज़ा.

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने दरयाफ्त किया (पूछा ) की अल्लाह की क़सम क्या तुम इसी वजह से यहाँ बैठे हो ? तो सहाबा रदी अल्लाहु अन्हुमाँ ने कहा की अल्लाह की क़सम हम इसी वजह से यहाँ बैठे हैं.

तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया मैंने तुमसे झूठ के गुमान की वजह से क़सम नहीं ली बल्कि मेरे पास जिब्रील अलैहि सलाम तशरीफ़ लाए और बताया की अल्लाह सुबहानहु फरिश्तों के सामने तुम पर फख्र कर रहा है.
जामेअ तिरमिज़ी,जिल्द-2,हदीस-1303-सही

ईमरान बिन हुसैन रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया क़यामत के दिन अल्लाह सुबहानहु के अफ़ज़ल बंदे अल-हम्मादून (अल्लाह सुबहानहु की बहुत ज़ियादा तारीफ करने वाले) होंगे
सिलसिला अस सहिहा, 2760

हदीस: हज़रत अबू दर्दा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया क्या मैं तुमको ऐसा अमल ना बताऊ जो तुम्हारे मालिक (अल्लाह) के नज़दीक अच्छा और पाकीज़ा है. और तुम्हारे दरजात में सबसे बुलंद , और जो (अल्लाह की राह में) सोने और चाँदी को खर्च करने से भी अफ़ज़ल है.

और जो अल्लाह की राह में दुश्मनो से जिहाद करते हुए उनकी गर्दने काटने और वो तुम्हराई गर्दन काट दे उस से भी बेहतर है.

सहाबा रदी अल्लाहू अन्हुमा ने अर्ज़ किया क्यू नही (ज़रूर बताईए), आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया वो अल्लाह का ज़िक्र है , मुआज़ बिन जबल रदी अल्लाहू अन्हु ने फरमाया अल्लाह के अज़ाब से बचाने वाली ज़िक्र इलाही से बड़कर और कोई चीज़ नही है. जामिया तिरमिज़ी , जिल्द 2, 1301 – हसन

حضرت معاویہ رضی الله عنہ سے روایت ہے رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم اپنے صحابہ کے پاس گئے وہ سب دائرہ لگا کر بیٹھے ہوئے تھے، ان سے کہا: کس لیے بیٹھے ہو؟ انہوں نے کہا: ہم یہاں بیٹھ کر اللہ کا ذکر کرتے ہیں، اللہ نے ہمیں اسلام کی طرف جو ہدایت دی ہے، اور مسلمان بنا کر ہم پر جو احسان فرمایا ہے ہم اس پر اس کا شکریہ ادا کرتے ہیں، اور اس کی حمد بیان کرتے ہیں، آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”کیا واقعی؟ ! قسم ہے تمہیں اسی چیز نے یہاں بٹھا رکھا ہے؟“ انہوں نے کہا: قسم اللہ کی، ہمیں اسی مقصد نے یہاں بٹھایا ہے، آپ نے فرمایا: ”میں نے تمہیں قسم اس لیے نہیں دلائی ہے، میں نے تم لوگوں پر کسی تہمت کی بنا پر قسم نہیں کھلائی ہے، بات یہ ہے کہ جبرائیل علیہ السلام میرے پاس آئے اور انہوں نے مجھے بتایا اور خبر دی کہ اللہ تعالیٰ تمہارے ذریعہ فرشتوں پر فخر کرتا ہے- جامع ترمذی،جلد-٢،حديث-١٣٠٣-صحيح

Bismillahhirrahmanirrahim

ALLAH subhanahu farishto ke samne tum par fakhr kar raha hai

Muaawiyah Radhi allahu anhu se rivayat hai ki ek baar Rasool-Allah Sal-Allahu alaihi wasallam sahaba ki majlis mein tashrif laye aur unse wahan baithne ki wajah puchi to unhone kaha ki hum yahan ALLAH ka zikr aur uski tarif kar rahe hain jisne humein islam ki hidayat di aur hum par ehsan farmaya ki humein is (iman ki) daulat se nawaza.

Aap Sal-Allahu Alaihi Wasallam ne daryaft kiya ki ALLAH ki Qasam kya tum isee wajah se baithe ho ? to Sahaba Radhi allahu anhuma na kaha ki Allah ki Qasam hum isee liye baithe hain.

Aap Sal-Allahu Alaihi Wasallam ne farmaya maine tumse jhooth ke guman ki wajah se qasam nahi li bulki mere pass Jibril Alaihi salam tashreef aaye aur bataya ki ALLAH subhanahu farishto ke samne tum par fakhr kar raha hai. Jamia Tirmidhi,Jild-2,1303-Sahih

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