जन्नत की ख़ुशख़बरी: जब भी कोई तकबीर कहने वाला तकबीर कहता है तो उसे… शेयर कीजिये

शेयर करें
  • 3.8K
    Shares

9 ज़िल हज्जा की फ़ज्र से 13 ज़िल हज्जा की अस्र तक हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद बुलन्द आवाज़ से एक मर्तबा तकबीर कहना वाजीब है [और तीन मर्तबा कहना अफ़ज़ल है] मर्द बुलन्द आवाज़ से कहें और औरतें धीरी आवाज़ से कहें. अल औसत – इब्न मंजर: 2209​

तीन मर्तबा कहना इस लिए अफ़ज़ल है के इन दिनों मे कसरत से ला इलाहा इल्लल्लाह, अल्लाहु अकबर और अल्हम्दुलिल्लाह कहने का हुक्म है। अहमद: 5445​

तकबीर तशरीक़ यह हैं: ​अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर ला इलाहा इल्लल्लाह, वल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर वलिल्लाहिल हम्द​
الله اکبر الله اکبر لا اله الا الله,
والله اکبر الله اکبر ولله الحمد
अल मुसन्नफ़ – इब्न अबीशैबा: 5652​

​​जन्नत की ख़ुशख़बरी​​

जब भी कोई तकबीर कहने वाला तकबीर कहता है तो उसे ख़ुशख़बरी दी जाती है, पुछा गया जन्नत की? आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: हाँ! । अल औसत – तबरानी: 7775​

ऐ अल्लाह! हमें ज़्यादा से ज़्यादा तकबीरात कहने की तौफ़ीक अता फ़रमा । आमीन जुमुआ फज्र से लेकर मंगल की अस्र तक इस तकबीर को पढ़ना है।

Comments

comments