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झारखंड: राज्य के 186 अराजकीय मदरसे में करीब 118 मदरसे मान्यता की सभी शर्तों को पूरा नहीं करते हैं. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने उपायुक्त के माध्यम से मदरसों का भौतिक सत्यापन कराया था.
भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट की झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने समीक्षा की. बिहार सरकार द्वारा वर्ष 1980 में अराजकीय मदरसों के वर्गीकरण. उनकी प्रस्वीकृति की शर्त और उनमें शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों को लेकर बनायी गयी नियमावली को आधार पर समीक्षा किया गया.
झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने उपायुक्त द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट का मिलान मदरसा प्रस्वीकृति नियमावली से किया. जिसमें यह देखा गया मदरसा के पास नियमावली के अनुरूप जमीन, भवन, पुस्तकालय व अन्य सुविधाएं हैं कि नहीं.
मदरसा 1980 से पहले से संचालित हैं
संसाधन नहीं थे. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने मदरसों के भौतिक सत्यापन की समीक्षा रिपोर्ट स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग को भेज दी है. सभी मदरसे एकीकृत बिहार के समय से चल रहे हैं. मदरसा 1980 से पहले से संचालित हैं.
शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव के निर्देश पर जुलाई में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी उपायुक्त से एक सप्ताह में जिले के सभी अराजकीय मदरसों का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट देने को कहा था. जिलाें से प्राप्त जांच रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल को भेज दी.
जमीन का निबंधन होना जरूरी
जांच में अधिकांश मदरसे भवन व भूमि की शर्त पूरी नहीं कर सके. नियमावली के प्रावधान के अनुरूप मदरसा के नाम से जमीन का निबंधन होना अनिवार्य है. राज्य में आधे से ज्यादा मदरसे संताल परगना प्रमंडल में हैं.
संताल परगना प्रमंडल में एसपीटी एक्ट के कारण मदरसों के नाम से जमीन का निबंधन नहीं हुआ है. जिस मदरसे के पास जमीन है भी तो उसका निबंधन मदरसा के नाम से नहीं हुआ है.
इन मापदंडों को करना होता है पूरा
जमीन: वस्तानियां (कक्षा एक से आठ) तक के मदरसा के लिए पांच कट्ठा, फौकानियां (कक्षा एक से दस ) व मौलवी (कक्षा एक से 12वीं ) तक के लिए न्यूनतम 20 कट्ठा जमीन मदरसा के नाम से निबंधित होना अनिवार्य है. शहरी क्षेत्र में भूमि के रकबा में 50 फीसदी तक की छूट दी जा सकती है.
अब आगे क्या होगा?
जांच में जो मदरसे मापदंड के अनुरूप संचालित पाये गये हैं, उनके शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. जो मदरसे मान्यता की शर्त पूरी नहीं करते हैं, उन्हें शर्त पूरा करने व प्रावधान के अनुरूप मान्यता के लिए आवेदन देने का अवसर दिया जा सकता है.
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