सिवाय मोहब्बत के इंसानियत को बचाने का कोई रास्ता नहीं- सय्यद अशरफ मियां किछौछवी

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बरेली फहम लान शादी हाल में आल इन्डिया उलेमा व मशायख बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष व सूफी वर्ड फोर्म अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत अल्लामा सय्यद मोहम्मद अशरफ मियां किछौछवी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि, सिवाय मोहब्बत के इंसानियत को बचाने का कोई रास्ता नहीं है.

उन्होंने कहा दुनिया में जिस तरह हिंसा फ़ैल रही है और हर तरफ से विचलित कर देने वाली खबरे आ रहीं हैं इस सिलसिले को रोकने के लिए सिर्फ एक हथियार है मोहब्बत,। हज़रत ने कहा कि आग को आग से नहीं बुझाया जा सकता आग को बुझाने का काम पानी ही करता है.

तो नफरत की आग बुझाने के लिए मोहब्बत के ठंडे पानी का इस्तेमाल किया जाए यही तरीका हमें इस्लाम ने सिखाया और इसी तरीके से सूफिया इकराम ने लोगों के दिलों को जीता आज दरगाहें अकेली वह जगह है जहां हर मजहब का इंसान अकीदत के साथ आता है और मोहब्बत के फूल पेश करता है।

उन्होंने कहा कि सीरिया समेत दुनिया में हर तरफ इंसानी ज़िंदगी जिस तरह खतरे में है अगर हम अभी भी नहीं समझे तो यह हालात पूरी दुनिया के हो जाएंगे इसे बस मोहब्बत से रोका जा सकता है।उन्होंने कहा इंसानी ज़िंदगी की रक्षा ज़्यादा ज़रूरी है इबादतगाहों में इबादत के लिए इंसानों की जरूरत है, इस्लाम का पैगाम सलामती है ,और मुसलमान अपनी बात की शुरवात भी दूसरे पर सलामती भेज कर करते हैं.

इस अमल को सिर्फ ज़बान पर नहीं अपने किरदार में उतार लेना है क्योंकि नबी – ए – रहमत का फरमान आलीशान है कि अगर तुम्हारा पड़ोसी तुम्हारे शर से महफूज़ नहीं तो तुम मोमिन नहीं हो सकते अब मुसलमान खास तौर पर इस आधार पर अपना परीक्षण करे।

उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज़ के पैगाम मोहब्बत सबके लिए नफरत किसी से नहीं को आम कीजिए और अमली तौर पर इसे अपना लीजिए नफरतें खुद रुक जायेंगी।आल इण्डिया उलेमा मशाइख बोर्ड के स्पीकर मुफ्ती साजिद हसनी कादरी ने कहा कि इत्तिहाद जिन्दगी है और इख्तिलाफ मौत है.

हर खानकाह के सज्जादा नशीन व उलेमा मशाइख की जिम्मेदारी है कि इत्तिहाद के पैगाम आम करें इस्लाम अमन व शान्ती का पैगाम देता है उन्होंने आल इण्डिया उलेमा मशाइख बोर्ड की विशेषता बताई.

कान्फ्रेंस में मुफ्ती साजिद हसनी कादरी मोहम्मद हाफिज मोहम्मद रिज़वान अशरफी मोहम्मद आरिफ अंसारी अशरफी सरताज अशरफी श्म्सी मुफ्ती रिजवान अहमद अशरफी किछौछा शरीफ मौलाना मोहम्मद यासीन अशरफी दयानन्द कालेज मेंरठ मौलाना गुलाम मुस्तफा किछौछवी इक्तदार अन्सारी मन्सूर श्म्सी माजिद अशरफी श्म्सी फाइक अहमद अंसारी अजहर जावेद नजर जावेद अन्सारी आदि लोग मौजूद रहें

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