Video: सीरिया के ‘आफरीन’ पर तुर्की ने लहराया परचम, बशर अल असद के जवानों को खदेड़ा

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सीरिया में जारी जंग से कोन अनजान है आइए आपको सीरिया की जंग से थोड़ा परिचय करवा दें. सीरिया में वैसे तो बहुत सी जंगी टुकड़ियां मौजूद है जो लड़ रही हैं. लेकिन सुन्नी जमातों में सबसे मुख्य जमातें “FSA” और “HTS” “तुर्किस्तान” और “अहरार अश्शाम” “नूरुद्दीन ज़ंकी” हैं.

एक वक़्त तक बश्शार अल असद से ये तमाम जमातें अपने आपस के इख्तिलाफ के बावजूद भी एक होकर जंग कर रही थी और बश्शार हुकूमत को बराबर पीछे धकेल रही थी और इन सब से शिकस्त का सामना कर रहे बश्शार को उस वक़्त ज़रा रिकुपरेट होने का मौका मिल गया था.

जब तुर्की के एर्दोगान ने FSA के मुजाहिदीन को साथ लेकर टोटल 80,000 लड़ाके अपनी सरहद पर कुर्द से निपटने के लिए अफरीन में भेज दिए, और इस तरह सुन्नी मुजाहिदीन की टीम 2 हिस्सो में हो गई.

लेकिन इसके बाद भी जब HTS और अहरार अश्शाम के मुजाहिदीन ने अपने-अपने महाज़ को मजबूती से थामे रखा था, और बश्शार रजीम की फौज को धूल चटा रहे थे कि इस बोखलाहट में बश्शार अपनी फौज को ऑर्डर देता है.

और इदलिब के आम शहरियों पर बम बरसाने शुरू कर दिए जाते हैं, अस्पतालों और स्कूलों को, घर-बार और पब्लिक प्लेस को टारगेट किया जाता है.

2 दिनों में सेंकड़ों इदलिब वासियों को शहीद किया गया, मुजाहिदीन ने फौरन इदलिब में मोर्चा लिया और अपने आपसी इख्तिलाफात को भुला कर मैदान में सरगर्म हो गए, मुजाहिदीन के इस एलाइंस को देख बश्शार की फौज इदलिब से निकल कर गौता में आ जाती है और यहां रूस को साथ लेकर पूरी तरह ज़ुल्म के पहाड़ तोड़ती है.

लेकिन अफ़सोस मुजाहिदीन के दरमियान छोटे मोटे मज़हबी इख्तिलाफ की दरार इस बार इस जंग में दो फाड़ में बदल जाती है और अहरार अश्शाम, तुर्किस्तान, और नूरुद्दीन ज़ंकी मिलकर “जबहतु तहरीर अश्शाम”(JTS) की शक्ल इख्तियार कर लेते हैं.

और हैअत तहरीर अश्शाम (HTS) के मुकाबले में आ जाते है, एक दूसरे के खिलाफ फतवे लगाए जाते हैं, इल्ज़ाम तराशियों का दौर शुरू होता है, एक तरफ जहां बश्शार अपनी बोखलाहट को आम शहरियों पर निकलता है, वहीं मुजाहिदीन आपस ही में दस्ते गिरेबां रहते हैं.

दूसरी तरफ एर्दोगान ने FSA को अफरीन में ऑपरेशन मे लगा रखा था और धीरे धीरे अपने मिशन में आगे बढ़ रहा था गौता शहर में ज़ुल्म ढहाने के बाद बश्शार की फौज जब अफरीन में तुर्क फौज के मुकाबले में आती है तो तुर्की के फौजी बश्शार की फौज पर हमलावर होते हैं जिसके नतीजे में कल 2 दर्जन शिया फौजी मारे गए और 20 से ज़्यादा जख्मी हो गए.

इसी पर बस नहीं हुआ बल्कि तुर्की फौज ने आज 3 मार्च की शाम को “राजू” नामी इलाके पर भी कब्जा किया और वहां से सीरियन झंडे को अपने पैरो के नीचे रोंद डाला और इलाके पर पूरी तरह अपने कब्जे का ऐलान कर दिया. source: न्यूज़ फिउस

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