खुदा की बेआवाज़ लाठी: एक पाक दामन औरत की इज़्ज़त पर हाथ डालने की सज़ा का सबक़ देने वाला क़िस्सा

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हदीस मे आता है कि एक कसाब (कसाई) था वह रोज सुबह जाता और जानवर जिबह करके लाकर गोश्त बेचता था।जब वो जानवर जिबह करता तो उसके कपड़ों में खून के छीटे लग जाता थे, लेकिन वो घर आकर ही कपड़ों को बदल लिया करता था.

एक रोज वो जानवर जिबह करके घर आ रहा था. रात का वक्त था. इतने में एक आदमी चिलाता हुआ उसकी तरफ आया और कसाब को पकड़ लिया. थोड़ी देर में उसकी मौत हो गयी. कसाब ने देखा कि उसके जिसम मे छुरा घोपा हुआ था जिसकी वजह से मौत हो गयी उसकी.

अँधेरे का वक्त था कुछ दिखाई नहीं दिया और उसको मारने वाला तो भाग गया, और इतने में आवाज सुनकर लोग इकठ्ठे हो गये थे, लोगों ने सोचा इसी ने इस आदमी का कतल किया है. कसाब के कपड़ों पर खून तो पहले से लगा हुआ था, इस वजह से शक होना तो लाजमी था.

लोगों ने उसको पकड़ा और उसको काजी के पास ले गये, उस वक्त खुन की सजा फाँसी हुआ करती थी, खैर अब उसे भी काजी जी ने खून के बदले खून मतलब फाँसी की सजा सुना डाली. जिस वक़्त उसको फाँसी के लिए ले जाया जा रहा था तो वो ज़ोरों से रोने लग गया और उसको ले जाने वाले आदमी ने उससे पुछा कि क्या तुझे अब अपने जुर्म पर पछतावा हो रहा है क्या ?

उसकी यह बात सुनकर कसाब बोला मुझे इसका अफसोस नहीं है. वैसे भी ये क़तल मैंने नहीं किया है. लेकिन इससे पहले मैंने बीस बरस पहले एक माँ और उसके मासूम बच्चे का क़तल किया था लेकिन उस वक़्त में अबनी चालाकी से बच निकला था लेकिन आज उस क़तल की सज़ा मुझे इस तरह से मिल रही है ये आज तक मैंने सोचा भी नहीं था के इतने साल बाद मुझे मेरे गुनाहों की सज़ा मिलेगी.

कसाब ने बताया कि में अपने जवानी के दिनों में कश्ती (नाव) चलाया करता था. बहुत बड़ा दरीया था वो जिसमे मेरी नाव चलती थी और में सेंकड़ों मुसाफिरों को एक किनारे से दुसरे पहुंचाया करता था. एक दिन मेरी कश्ती में एक लड़की सवार हो गयी थी मैंने लड़की को देखा वो बहुत खुबसूरत थी.

मैंने आंखों ही आंखों में लड़की से बातें करना शुरु कर दीं. और यहां तक कि देखते ही देखते हमारे बीच तालुकात बन गए थे लड़की ने देखा कि मैं उस में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी ले रहा था तो उसने भी मुझसे बातें करना शुरु कर दिया, और मैंने उसको अपने दिल की बात बताई,

इसके बाद लड़की ने जवाब दिया कि अगर आप वाकई में इतनी मोहब्बत करते हैं तो आप मेरे वालिद से अपने निकाह की बात कर लीजिए. बगैर निकाह के मैं आपके करीब भी नहीं आऊंगी और जैसे जैसे दिन गुजरते गए और मैं उसकी मोहब्बत में तड़पता रहा.

फिर कुछ दिन बाद मैंने उसके वालिद से उस लड़की से निकाह करने के बारे में बात की लेकिन बात नहीं बन पाई और उसके वालिद ने मुझे मना कर दिया, बोला कि ना तो तू मालदार है और ना ही तेरे पास कुछ नेकियां है और मेरी पाक दामन खूबसूरत बेटी को तेरे हाथ में सौंप दूं.

इसके बाद मैं मायूस हो गया और वापस चला आया इस बात को गुजरे हुए 2 साल बीत चुके थे फिर उसके बाद वही खूबसूरत लड़की एक बच्चे के साथ मेरी कश्ती में सवार हुई मैं उसको एक निगाह में देखते ही पहचान गया था यह तो वही लड़की थी जिसे मैं मोहब्बत किया करता था.

जब मैं उससे बात करना चाहता था तो उस लड़की ने मना कर दिया कि अब मैं किसी और की अमानत हूँ मेरी शादी हो गई है और अब आप भी मुझसे बात मत कीजिए ना ही मैं आप से बात करना चाहती हूं.पहले मैं कुंवारी थी और अब मेरी शादी हो चुकी है और एक बच्चा भी है तब की बात और थी और अब बात और है.

मैंने अपनी मीठी मीठी बातों से और तमाम दुनिया भर की दुहाई देने की कोशिश की लेकिन वह पाक दामन औरत थी फिर भी मेरे दिल में गुनाह का ख्याल आ गया था और मैं हर तरीके से उसको अपने जाल में फंसाना चाह रहा था लेकिन वह मेरे बनावटी जज़्बातों में बिल्कुल नहीं फसी.

उसके बाद मैंने उसको बोला कि तुम्हारा बच्चा भी छोटा है तुम मेरे पास आकर बैठ जाओ इस पर उस औरत ने मुझसे बोला थोड़ा बहुत तो खुदा से डरो मैं किसी और की अमानत हूं लेकिन मुझ पर तो शैतान सर पर हावी था और उस वक्त में हवस में भूखा हो गया था.

मेरे उसके बच्चे को जबरदस्ती उसकी गोद से लेकर कश्ती के बाहर उल्टा लटका दिया उसने बहुत मिन्नतें की लेकिन मैं कहां मानने वाला था. और मैंने उसके बच्चे को कई बार पानी में अंदर बाहर किया तो वह वफ़ात कर गया.

वो रोने लगी लेकिन फिर भी नहीं मानी उसके पास गया तो मुझसे दूर हो गयी अपना पल्लू छुड़ाने की पूरी कोशिश करने लगती. मेरी ताकत के आगे उसकी क्या चलती मेने दुपट्टा हटा दिया और उसके बाल पकड़ कर कहा तेरे साथ भी वैसा ही करुंगा जो तेरे बच्चे के साथ किया वो बोली जो चाहो करलो कर लो चाहे मेरी जान चली जाए तुम मेरी इज़्ज़त से नहीं खेल सकते.

मेने उसके कपड़ों को फाड़ दिया था उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था. दिल में एक बार ख्याल तो आया कि मैं वाकई में हवस में अंधा हो गया था और में यह गुनाह कर रहा हूं लेकिन अब अगर इसको जाने देता हूं तो यह मुझ पर बदसलूकी का इल्जाम लगा देगी और इसके बच्चे के कत्ल का इल्जाम मै मुझे फांसी भी हो सकती है.

तब मेरे शैतानी दिमाग ने एकदम काम करना चालू कर दिया था मैंने उसको पकड़ा और दरिया में धक्का दे दिया उसको तैरना नहीं आता था और वह दरिया में डूब गई इसके बाद मेरे दिल में ऐसा खौफ पैदा हुआ कि मैंने कश्ती चलाने का काम ही छोड़ दिया था, और कसाई का काम चालू कर दिया था.

लेकिन इस इंसान का कत्ल मैंने नहीं किया है जिसकी मुझे आज सजा मिल रही है यह सजा मुझे मेरे 20 साल पहले किए हुए उन 2 गुनाहों की है. आज मुझे अच्छी तरह से अहसास हो गया है कि खुदा की बेआवाज़ लाठी से कोई नहीं बच सकता. हो सकता है मैंने अपनी जिंदगी में कुछ ऐसे ने अमल किये थे जिसकी वजह से मैंने 20 साल अपनी जिंदगी जी ली थी लेकिन अब वक्त आ गया है कि मुझे अपने गुनाहों का फल भुगतना ही पड़ेगा.

दोस्तों इस क़िस्से से यह साबित हुआ कि वह एक नेक पाक दामन औरत थी. जिसने अपनी आबरु की खातिर और अपने शोहर की लाज रखने के लिए अपने बच्चे को भी कुर्बान होता देख लिया था. लेकिन उसने अपने आपको किसी गैर मर्द को नहीं छूने दिया था.

कल क़यामत के दिन जिस औरत को ताज पहनाया जाएगा और इस पागल को जन्नत में आला दर्जे का मुकाम हासिल होगा ध्यान रहे जो औरत गैर मर्दों से बातें करती है. अकेले में गैरमर्दों से मिलती है, अल्लाह के हुकुम की नाफरमानी करती है उसके लिए जहन्नुम का बहुत बड़ा अज़ाब तैयार है.

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