हुज़ूर [स.अ.व.] फ़रमाते हैं, अल्लाह जिसके साथ भलाई चाहता है उसको दीन की समझ अता फरमा देता है

हदीस: अमीर मुआविया रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जिसके साथ अल्लाह सुबहानहु भलाई चाहता है उसको दीन की समझ अता फरमा देता है.

और अल्लाह ही देने वाला है और मैं तो तक़सीम करने वाला हूँ और ये उम्मत अपने दुश्मनों के मुक़ाबले में हमेशा ग़ालिब रहेगी यहा तक की अल्लाह का हुक्म (क़यामत) आ जाए और उस वक़्त भी ये ग़ालिब ही होगी. सही बुखारी,जिल्द 4, 3116 

رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا ”جس کے ساتھ اللہ تعالیٰ بھلائی چاہتا ہے اسے دین کی سمجھ دے دیتا ہے۔ اور دینے والا تو اللہ ہی ہے میں تو صرف تقسیم کرنے والا ہوں اور اپنے دشمنوں کے مقابلے میں یہ امت ( مسلمہ ) ہمیشہ غالب رہے گی۔ تاآنکہ اللہ کا حکم ( قیامت ) آ جائے اور اس وقت بھی وہ غالب ہی ہوں گے۔“
صحیح بخاری جلد ۴ حدیث ۳۱۱۶

ऐ हमारे रब हम पर आसमान से एक ख्वान (नेअमत) नाज़िल फरमा कि वह दिन हम लोगों के लिए हमारे अगलों के लिए और हमारे पिछलों के लिए ईद का करार पाए (और हमारे हक़ में) तेरी तरफ से एक बड़ी निशानी हो और तू हमें रिजक़ दे और तू सबसे बेहतर रोज़ी देने वाला है.

अब्दुल्ला बिन अम्र रदि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है की रसूल अल्लाह सल-अल्लाहु अलैहि वसलम ने फ़रमाया,मेरा पैग़ाम लोगो तक पहुचाओ चाहे एक ही आयत हो और जिसने मुझपर जानबूझकर झूठ बोला उसे जहन्नुम में अपने ठिकाने के लिए तैयार रहना चाहिए. सही बुखारी, जिल्द 4, 3461

عبداللہ بن عمر رضی اللہ عنہما نے کہا کہ نبی کریم صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا ”میرا پیغام لوگوں کو پہنچاؤ! اگرچہ ایک ہی آیت ہو اور جس نے مجھ پر جان بوجھ کرجھوٹ باندھا تو اسے اپنے جہنم کے ٹھکانے کے لیے تیار رہنا چاہئے۔“
صحيح بخارى ،جلد 4 ،3461

जाबिर बिन अब्दुलाह रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया अफज़ल ज़िक्र ला इलाहा इलअल्लाह है और अफज़ल दुआ अल्हम्दुलिल्लाह है. सुनन इब्न माजा , जिल्द 1, 681- हसन 

رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم کو فرماتے ہوئے سنا: سب سے بہترین ذکر لا إله إلا الله اور سب سے بہترین دعا الحمد لله ہے
سنن ابن ماجہ جلد ١ ، حدیث ٦٨١ حسن