रोज़ेदार आरिफ ने रोज़ा तोड़कर बचाई एक गैर मुस्लिम लड़के की जान, सोशल मीडिया पर जमकर हो रही है तारीफ़

दोस्तों रमज़ान के इस मुबारक महीने में दुनियाभर के सभी मुस्लिम लोग रोज़े रख रहे हैं और अल्लाह की इबादत में मशगूल हैं. आज एक ऐसा वाक़या पेश आया कि अल्लाह ने एक रोज़ेदार का इम्तेहान लेते हुए उसे किसी का मददगार बना दिया.

ये कहानी है उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल की जहाँ अस्पताल में भर्ती अजय बिजल्वाण जिसकी उम्र 20 साल थी और इसकी हालत बेहद नाजुक थी ये ICU में भर्ती था. और इसके लीवर में संक्रमण फैलने की वजह से अजय की प्लेटलेट 5000 से कम हो गई थी.

और ये तेजी से गिरती जा रही थी इसके बाद डॉ ने अजय के पिता खीमानन्द बिजल्वाण से कहा कि अगर जल्द ही ए-पॉजिटिव रक्त नहीं मिला तो अजय की जान को भी खतरा हो सकता है. करनी का खेल देखिये रमजान का पाक माह चल रहा है और सभी मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रख कर खुदा की इबादत कर रहे है.

अजय के पिता रक्त के लिए दर-दर भटक रहे थे और काफी कोशिश करने के बाद भी ये A+ डोनेट करने वाला कोई भी नहीं मिल रहा था. इसके बाद खिमानंद के परिचितों ने सोशल मीडिया पर फेसबुक और WhatsApp के ग्रुप में मदद की गुहार लगाई और लोगों से रक्तदान की अपील की.

जैसे ही ये पोस्ट व्हाट्स एप के जरिये सहस्त्रधारा निवासी नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान को मिला तो उन्होंने तुरंत ही हॉस्पिटल से संपर्क किया. आरिफ ने हॉस्पिटल जाकर अपना रक्त देने के लिए राजी हो गए.

हॉस्पिटल वालों ने उनका रक्त लेने से पहले उनको जूस पीने को कहा तो उन्होंने बताया की वो रोज़े से हैं. तब हॉस्पिटल वालों ने कहा आपको बिना कुछ खाए पिए भूखे पेट रक्तदान नहीं कर सकते तो आरिफ ने कहा में इसकी जान बचने के लिए रोज़ा तोड़ने के लिए तैयार हूँ.

और उन्होंने एक गिलास जूस पीकर 1 यूनिट खून दे दिया. इसके बाद उसके परिवार वालों ने उन्हें दिल से धन्यवाद दिया. और हॉस्पिटल के स्टाफ ने भी आरिफ की जमकर तारीफ़ की आरिफ खान ने रोजा तोड़कर एक युवक की जान ही नहीं बचाई, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं.

अक्सर हमे ये बातें सुनते रहते है पर बहुत कम लोग होते है जो इसे सच बनते है और आरिफ भी उन्ही में से एक है. आरिफ ने इंसानियत देखा कर न सिर्फ एक जान बचाई बल्कि साथ ही मजहब के नाम पर इन्सान और इंसानियत को बांटने वालों को भी सबक दिया.