पिछले सात दिनों से बैंकों में चेक क्लियरिंग न होने के कारण आम लोगों के अलावा देश के कारोबारियों का बुरा हाल है।

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नई दिल्ली : देश में पिछले सात दिनों से नए नोटों को लोगों तक पहुंचाने की वजह से बैंको के अन्य बैंकिंग कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हैं। कई बैंकों के कर्मचारियों का कहना है कि बैंकों में बीते सात दिन से एक भी चेक की क्लीयरिंग नहीं हो पा रही है।
नई करंसी लेने के अलावा अन्य किसी काम से बैंक जाने वाले आम लोग शाखा के भीतर भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। कतार में लगे लोगों का कहना है कि मौजूदा समय में राजधानी की बैंकिंग व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।
बैंकों में लोग नए नोट निकलवाने के अलावा एफडीआर, लोन लेने, नए खाते खुलवाने, खाते बंद करवाने के अलावा चेक बुक आदि विभिन्न कामों से जाते हैं, लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि किसी भी बैंक में पिछले सात दिन से ये काम नहीं हो पाए है। बैंककर्मियों भी सिर्फ करंसी बदलने के काम में लगाया गया है।
पिछले सात दिनों से बैंकों में चेक क्लियरिंग न होने के कारण आम लोगों के अलावा देश के बड़े कारोबारियों का बुरा हाल है। उनके आगे अब व्यापारिक दिक्कतें खड़ी हो गई हैं।
दिल्ली के मयूर विहार निवासी रजनी ने बताया कि स्थानीय बैंक आॅफ इंडिया में उनका एफडीआर है, जिसकी अवधि पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि वह चार दिनों से प्रयास में लगी हैं कि बैंक जाकर एफडीआर की रकम अपने खाते में ट्रांसफर करवा लें लेकिन वह बैंक के भीतर ही नहीं जा पा रहीं है।
और पटपड़गंज के संजीव की है। उनका कहना है कि उनके पिता को बैंक से हाउसिंग लोन लेना है लेकिन सात दिन से बैंकों की जो स्थिति है उसकी वजह से उन्होंने यह विचार आगे के लिए टाल दिया है। राजौरी गार्डन की निशा के चेकबुक खत्म हो चुके हैं लेकिन वह बैंक के भीतर नहीं जा पा रहीं। अब समस्या है.
यह है कि उन्हें पैसों की आवश्यकता है और चेक भी खत्म हो चुके हैं। दिल्ली के व्यापारी नेता अशोक अरोड़ा ने कहा कि बैंकों से व्यापारिक भुगतान बंद हो गई है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर बैंकों में पिछले सात दिन से चेकों की क्लीयरिंग नहीं हुई है।