नफरतो का दौर चालू है और मुसलमानों को बदनाम करने के लिए कुछ लोगों द्वारा हर तरह की कोशिश की जा रही है. कभी उनको आतंकवादी बोलकर तो कभी कट्टर कहकर, तो कभी पाकिस्तानी बोलकर तो कभी देशद्रोही पुकारते हैं. लेकिन सच्चाई कभी छुपती नहीं.
मुझे अज़ान की आवाज़ सुकून देती है, रोज़ शाम को अज़ान सुनने का करती हूँ इंतज़ार- प्रियंका चोपड़ा
स्विस बैंक के मुसलमानों का पैसा नहीं है, 5 साल में जिस राजनेता की प्रोपर्टी 300 प्रतिशत बढ़ी वह भी मुस्लिम नहीं है. यहांतक की भारत पर मुसलमानों ने करीब 8 सौ साल हुकूमत की है, पकिस्तान जाते वक्त मुसलमानों ने अपनी जमीन जायदाद यहीं छोकर चले गए.
फिरभी भारत के 99.70% मुसलमान पंचर जोड़ते है. लेकिन आजके नेता सिर्फ 5 साल में ही करोडपति बनाते है. और मुसलमानों का राजनीती में प्रतिनिधित्व ना के बराबर है.
संघियों द्वारा हमेशा से टारगेट रहे टीपू सुलतान की पूंजी के बारे में सोहराब अली अंसारी ने एक खुलासा करते हुए लिखा के, 51 साल तक भारत पर हुक़ूमत की, लेकिन मरने पर ख़ुद की पूँजी के नाम पर क़ुराने पाक लिखकर कमाये हुए 350 रूपये और टोपी बिन कर कमाये गये 14 रूपये 12 आना!
वसीयत में ये लिखा कि टोपी बिन कर कमाये गये पैसे ज़्यादा मेहनत के हैं इसलिये मेरा क़फन दफ़न इसी पैसे से करना.
कोई मकबरा नहीं, कोई संगमरमर की इमारत नहीं, वसीयत किया कि मेरी क़ब्र को हमेशा कच्ची मिट्टी की रखा जाये और कोई छत ना बनाई जाये!
आज भी क़ब्र वैसे ही है जैसे एक आम आदमी की क़ब्र होती है. जिस शख्स ने अपनी ज़िंदगी में सैकडों मंदिरों को ज़मीनें दान की, सच्चा इंसाफ़ दिया और पूरे 51 साल मुल्क की गद्दी सम्हालते हुए टोपी बिन कर और क़ुरआन लिख कर पैसे कमाकर ज़िंदगी गुज़ारी कभी हुक़ूमत के खज़ाने से एक रत्ती भर ना लिया, उसे इस मुल्क के इतिहासकारों ने हिन्दू भाईयों का सबसे कट्टर बादशाह साबित कर दिया.