ह़ज़रत अ़ली رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه से रिवायत हैं कि रसूलल्लाह صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم से रमज़ान की तरावीह़ के बारे में सवाल किया गया तो आप صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم ने फ़रमाया:
01- रमज़ान की पहली रात में मोमिन बन्दा अपने गुनाहों से ऐसा पाक हो जाता हैं जैसे आज मां के पेट से पैदा हुआ हैं!
02- दुसरी रात में उसकी और उसके मुसलमान मां बाप की मग़्फ़िरत हो जाती हैं!
03- तीसरी रात में फ़रिश्ता अ़र्श के नीचे से पुकारता हैं कि अब नए सिरे से अ़मल कर क्यूंकि तेरे पिछले गुनाह मुआ़फ़ हो चुके हैं!
04- चौथी रात में उसे तौरात, इन्जील, ज़बूर और कुरआने मजीद पढ़ने का सवाब मिलता हैं!
05- पांचवी रात में अल्लाह عَزَّوَجَلَّ उसे उस शख़्स का सवाब अ़त़ा करता हैं जिसने मस्जिदे नबवी, मस्जिदे ह़राम और मस्जिदे अक़्सा में नमाज़े अदा की हो!
06- छठी रात में बैतुल मामूर के तवाफ़ करने वाले के बराबर सवाब मिलता हैं और तमाम पत्थर और ढ़ेले उसकी मग़्फ़िरत चाहते हैं!
07- सांतवी रात में इतना सवाब मिलता है गोया ह़ज़रते मूसा عَلَئهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَامٔ से मुलाक़ात और फ़िरऔन के मुक़ाबले में उनकी मदद की!
08- आंठवी रात में उसे इतना सवाब मिलता हैं जितना ह़ज़रत इब्राहीम عَلَئهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَامٔ को मिला!
09- नवीं रात में रसूलल्लाह صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم की इ़बादत का सवाब मिलता हैं!
10- दसवीं रात में दीन दुनिया की बेहतरी अ़त़ा करता हैं!
11- ग्यारहवीं रात में दुनिया से इस त़रह़ अलग हो जाता हैं गोया आज मां के पेट से पैदा हुआ हैं!
12- बारहवीं रात में ये फ़ज़ीलत मिलती हैं कि उसका चेहरा क़यामत के दिन चौदहवीं के चांद की त़रह़ रौशन होगा!
13- तेरहवीं रात की बरकत से क़यामत में उसे हर त़रह़ की बुराई से अम्न मिलेगा!
14- चौदहवीं रात की इ़बादत से फ़िरिश्तें उसकी इ़बादत की गवाही देंगे और अल्लाह عَزَّوَجَلَّ उसे क़यामत के ह़िसाब से आज़ाद कर देगा!
15- पन्द्रहवीं रात में फ़िरिश्तें और अ़र्श और कुर्सी उठाने वाले फ़िरिश्तें उस पर रह़मत भेजते हैं!
16- सोलहवीं रात में अल्लाह عَزَّوَجَلَّ दोज़ख से आज़ादी और जन्नत में दाख़िल होने का परवाना लिख देता हैं!
17- सत्रहवीं रात में नबियों عَلَئهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَامٔ के बराबर सवाब मिलता हैं!
18- अठारहवीं रात में एक फ़िरिश्ता पुकारता हैं कि “ऐं खुदा عَزَّوَجَلَّ के बन्दे, तुझ से और तेरे मां बाप से खुदा عَزَّوَجَلَّ रज़ामन्द हैं”!
19- उन्नीसवीं रात में अल्लाह عَزَّوَجَلَّ जन्नतुल फ़िरदौस में उसके दर्जे बुलन्द कर देता हैं!
20- बीसवीं रात में शहीदों और नेकों का सवाब मिलता हैं!
21- इक्कीसवीं रात में अल्लाह عَزَّوَجَلَّ उसके लिए जन्नत में एक महल तय्यार करता हैं!
22- बाइसवीं रात में ये बरकत ह़ासिल होती हैं कि वो क़यामत के दिन हर त़रह़ के ग़म और अन्देशे से बेख़ौफ़ रहेगा!
23- तेईसवीं रात में अल्लाह عَزَّوَجَلَّ उसके लिए जन्नत में एक शहर तय्यार करता हैं!
24- चौइसवीं रात में चालीस साल की इ़बादत का सवाब मिलता हैं!
25- पच्चीसवीं रात में उससे क़ब्र का अ़ज़ाब उठा लिया जाता हैं!
26- छब्बीसवीं रात में चालीस साल की इ़बादत का सवाब मिलता हैं!
27- सत्ताईसवीं रात की फ़ज़ीलत से वह पुल सिरात पर से कौंदती हुई बिजली की त़रह़ गुज़र जाएगा!
28- अठ्ठाइसवीं रात में अल्लाह عَزَّوَجَلَّ उसके लिए जन्नत में हज़ार दर्जे बुलन्द कर देता हैं!
29- उन्तीसवीं रात में हज़ार मक़बूल ह़ज का सवाब मिलता हैं!
30- तीसवीं रात में अल्लाह عَزَّوَجَلَّ फ़रमाता हैं:
“ऐं मेरे बन्दे, जन्नत के मेवे खा और सलसबील के पानी से नहा और आबे कौसर पी, मैं तेरा रब हूं और तू मेरा बन्दा”!