समुंदर के सुल्तान कहे जाने वाले ‘हाजी अली’ की दरगाह पर होता है कुदरत का ये करिश्मा

भारत के महाराष्ट्र प्रान्त की राजधानी मुम्बई में समुंदर के राजा बाबा हाजी अली सूफी संत की दरगाह मुम्बई शहर के वरली तट के पास एक छोटे से टापू पर बानी है।

मुम्बई में इस दरगाह का निर्माण हाजी सैय्यद पीर अली शाह बुखारी की स्मृति में सन 1431 में किया गया था यह दरगाह मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखती है और यह विश्व का प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है।

इस दरगाह की हकीकत बात यह है की बीच समुद्र में होने के बाद भी कभी इस दरगाह के अन्दर पानी नहीं आया। यहाँ के धार्मिक स्कालर का मानना है यह बाबा हाजी अली का करिश्माई चमत्कार है.

बीच समुन्दर में होने के बावजूत इस की सीढ़ियों पर पानी कभी नहीं आया यह एक वाकई कुदरती करिश्मा है। मुझको याद है की जब में बाबा हाजी अली दरगाह पर गया तो मैने देखा चारो तरफ पानी ही पानी है लेकिन दरगाह की सीढ़िया बिलकुल भी भिगी नहीं थी में यह नजारा देख कर हैरान हो गया।

बताया जाता है की सुबह फ़र्ज़ की नमाज तक हाजी अली दरगाह पर जाने वाला रास्ता पानी में डूबा रहता है और जैसे ही फ़र्ज़ की नमाज ख़तम होती है पानी रास्ते से अपने आप हट जाता है और शाम मगरिब की नमाज के बाद रास्ता पानी में डूब जाता है वाकई में इसे कुदरत का करिश्मा ही कहेंगे।