जब सूर्यगहण लगता तो हम लोग अपनी रोज़ मर्रह की ज़िन्दगी में व्यस्थ रहते हैं ये भी नहीं सोचते हैं की सूर्यगहण का लगने पर हमें क्या करना चाहिए, जब की इस वक़्त अल्लाह को याद करना जरूरी होता है क्यूँ की आप सल्ल०ने जब सूर्यगहण देखा तो उन्होंने भी अल्लाह को याद किया था|
क्या है हदीस ? सूर्यग्रहण में अल्लाह को याद करना, अबू मूसा रज़ि० कहते हैं की एक बार सूर्यग्रहण लगा तो नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम डर कर खड़े हो गये आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को इस बात का डर था की कहीं क़ियामत न आ जाये. फिर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मस्जिद में गये और लम्बे क़ियाम रुकूअ और सुजूद के साथ नमाज़ पढाई इतनी लम्बी नमाज़ पढ़ते मैंने कभी आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को नहीं देखा.