रमज़ान में ऐसी क्या फ़ज़ीलत है, जो उम्मत यह तमन्ना करे की सारा साल रमज़ान ही हो जाये

0
शेयर कीजिये

एक हदीस में है नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया की अगर लोगों को यह मालूम हो जाये की रमज़ान क्या चीज़ है तो मेरी उम्मत यह तमन्ना करे की सारा साल रमज़ान ही हो जाये।

हज़रत सलमान रज़िअल्लाहु अन्हु कहते हैं की नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने शाबान की आखिर तारीख़ में हम लोगों को नसीहत की तुम्हारे ऊपर एक महीना आ रहा है ,जो बहुत बड़ा महीना है ,बहुत मुबारक महीना है। इसमें एक रात है यानि शबे कद्र ,जो हज़ारो महीनों से बढ़कर है। अल्लाह तआला ने उसके रोज़े को फ़र्ज़ फ़रमाया और उसके रात के क़ियाम यानि तरावीह को सवाब की चीज़ बनाया है। जो शख्स इस महीने में किसी नेकी के साथ अल्लाह की नज़दीकी हासिल करे ऐसा है जैसा की गैर रमज़ान में फ़र्ज़ अदा किया और जो शख्स इस महीने में किसी फ़र्ज़ को अदा करें वह ऐसा है जैसा की गैर रमज़ान में सत्तर फ़र्ज़ अदा करे।

यह महीना सब्र का है। सब्र का बदला जन्नत है और यह महीना लोगों के साथ हमदर्दी करने का है। इस महीने में मोमिन का रिज़्क़ बढ़ा दिया जाता है। जो शख्स किसी रोज़ेदार का रोज़ा इफ्तार कराये ,उसके लिए गुनाहों के माफ़ होने और आग से निजात पाने का सबब होगा और रोज़ेदार के जितना ही उसे भी सवाब मिलेगा,मगर इस रोज़ेदार के सवाब से कुछ कम नहीं किया जायेगा।

सहाबा रज़िअल्लाहु अन्हु ने अर्ज़ किया की या रसूलल्लाह हम में से हर शख्स तो इतनी हिम्मत नहीं रखता की रोज़ेदार को इफ्तार कराये। तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया की पेट भर खिलाना ज़रूरी नहीं यह सवाब तो अल्लाह एक खजूर से कोई इफ्तार करा दे या एक घूँट पानी पिला दे या एक घूँट लस्सी पिला दे ,तो उसको पूरा सवाब देते हैं। यह एक ऐसा महीना है की इसका अव्वल हिस्सा अल्लाह की रेहमत है बीच का हिस्सा मगफिरत है और आखरी हिस्सा आग से आज़ादी है।

जो शख्स इस महीने में अपने गुलाम को हल्का करदे यानि उससे ज्यादा काम न ले तो अल्लाह उसकी मगफिरत फरमाते है आग से आज़ादी फरमाते है। चार चीज़ों की इसमें कसरत किया करो ,जिनमें से दो चीज़ें अल्लाह की रज़ा के लिए और दो चीज़े अपने लिए। पहली दो चीज़ें जिन से तुम अपने रब को राज़ी करो ,कलमा ए तय्यिबा और इस्तग्फार की कसरत है। दूसरी दो चीज़े यह है की जन्नत की तलब करो और आग से पनाह मांगो। जो शख्स किसी रोज़ेदार को पानी पिलाये ,अल्लाह कयामत के दिन मेरी होज़ से उसको पानी पिलायेंगे जिसके बाद जन्नत में दाखिल होने तक प्यास नहीं लगेगी।

  • TAGS
  • उम्मत
  • तमन्ना
  • फ़ज़ीलत
  • रमज़ान