उत्तर प्रदेश में योके की सरकार आने के बाद से ही बहुत से बदलाव देखने को मिले और खासतोर से मदरसों को लेकर तो तरह तरह के निर्देशों का सामना मुस्लिम समाज को करना पड़ा. बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक कैबिनेट बैठक में मदरसों की शिक्षा को लेकर विचार विमर्श किया.
आपको बताते चलें की इस बैठक में ऐसे बहत सारे कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर उन्होंने विचार विमर्श करने और अपने मंत्रियों से परामर्श करने के बाद कई मुद्दों पर नियम और निर्देश बनाये. और इसके तहत अब मदरसों में दी जा रही शिक्षा को लेकर कई फैसले लेने के बाद उन्होंने इसे लागू करने का आदेश दे दिया.
प्रदेश के मदरसों में दीनियत के अलावा पाठ्यक्रम में एनसीइआरटी की किताबें शामिल होंगी. मदरसों में हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, कंप्यूटर और सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम के लिए ये जरूरी था कि हिंदी और अंग्रेजी भाषा में इनकी किताबें उपलब्ध कराई जाएं. जानकारी के मुताबिक, ये संशोधन प्रस्ताव राज्य मदरसा बोर्ड ने दिया था.
दीनियात और अन्य अरबी-फारसी विषयों की शिक्षा का माध्यम पूर्व की तरह उर्दू, अरबी और फारसी में होगा। गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कम्प्यूटर आदि में अनुदेश का माध्यम पहले की स्थिति में ही रहेगा। #UPCabinet
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) May 22, 2018
इस बैठक में उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी फारसी मदरसा मान्यता प्रशासन और सेवा नियमावली 2016 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. राज्य मदरसा बोर्ड ने इस संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. बोर्ड ने पारंपरिक शिक्षा पद्धति को बदलते हुए मदरसों को आधुनिक बनाने की दिशा में प्रयास किया है.
मदरसे में पड़ने वाले बच्चे अब इस फैसले के बाद उर्दू, और मजहबी शिक्षा के साथ-साथ हिंदी और अंग्रेजी माध्यम से भी पढ़ाई कर सकेंगे. उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट में लिए गए इस फैसले की जानकारी दी.
साथ ही उहोने कहा के मदरसों में दीनी तालीम के अलावा गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, कंप्यूटर व सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों की पढ़ाई नहीं होती है और मुस्लिम समुदाय के बच्चों के बेहतर भविष्य को देखते हुए सरकार द्वारा ये फैसला लिया गया है.
#UPCabinet ने उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन और सेवा विनियमावली-2016 में संशोधन का निर्णय लिया है।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) May 22, 2018
मदरसों के लिए योगी सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद अब मुस्लिम बच्चे उर्दू के साथ हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कर पाएंगे वाकई में ये एक काबिलेतारीफ प्रयास है. क्योंकी एक रिपोर्ट के अनुसार आज भारत में पढ़ाई के क्षेत्र में सबसे पिछड़ी कौम मुसलमान ही है. नीचे देखें किन प्रस्तावों को मिली मंजूरी.
NCERT पाठ्यक्रम से मदरसों में पढ़ाई को मंजूरी.
मेडिकल कॉलेज के लिए एटा-मीरजापुर में जमीन उपलब्ध कराने को मंजूरी
संस्कृति स्कूल की मान्यता के लिए जमीन हस्तांतरण को मंजूरी
पीएनजी के लिए भूमिगत पाइप बिछाने की नीति मंजूरी
यूपी एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड-2018 को मंजूरी
220 केवी का ट्रांसमिशन उपकेंद्र अयोध्या में बनाने को मंजूरी
ग्रामीण क्षेत्रों में राशन दुकान पर ई पॉल मशीनें लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी
हरिद्वार में यूपी पर्यटन विभाग बनाएगा 100 कमरों का होटल
यूपी उप निरीक्षक और निरीक्षक नागरिक पुलिस सेवा नियमावली में चतुर्थ संशोधन को मंजूरी
पाठ्य पुस्तक प्रकाशन के ठेकेदारों को 25 लाख रुपये के बिल पर 75% भुगतान करने को मंजूरी