जब से हरियाणा पुलिस ने बिरयानी की दुकानों पर छापामारी की है और बिरयानी में गौमांस की जांच शुरु कर दी है तब से जो मुसलमान लोग बिरयानी बेचते थे ऐसे लोगों में दहशत का माहौल है|
बिरयानी बेचने वाले मुस्लिम दुकानदारों की रोजी रोटी छिन गयी
वह बेहद डरे हुए हैं हरियाणा में बीजेपी के शासन है और इस राज्य में गौ हत्या पर कठोर सजा का प्रावधान है और वैसे भी यहां के गौ रक्षक बहुत सख्ती दिखा रहे हैं प्रशासन के साथ मिलकर गौ रक्षकों ने आतंक मचा रखा है.
यह लोग स्थानीय लोगों पर नजर रखते हैं कि कहीं कोई गौ मास की धुलाई तो नहीं करवा रहा या गांव में गौमांस तो नहीं खाया जा रहा.
अभी पिछले सप्ताह से बिरयानी kee बात होने का नाम नहीं ले रहा है कुछ दिन पहले भी स्थानीय पुलिस और गौ रक्षकों ने मिलकर बिरयानी की दुकान पर छापा मारा था और भेज बिरयानी बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ शिकायत की थी क्या यह बिरयानी में गौमांस लाकर बेच रहे हैं.
अभी पिछले सप्ताह से बिरयानी का विवाद ख़तम होने का नाम नहीं ले रहा है कुछ दिन पहले भी स्थानीय पुलिस ने बिरयानी की दुकानों पर छापा मारा था और बिरयानी बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ शिकायत भी हुयी थी के यह बिरयानी में गौमांस मिलकर कर बेच रहे हैं.
इस घटना से बिरयानी बेचने वाले दुकानदारों में दहशत का माहौल बना हुआ है हालांकि बिरयानी बेचने वाले दुकानदार लोगों ने भी शिकायत की है जिससे उनकी रोजी रोटी का जरिया पूरी तरह छीन गया है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में करीब आठ करोड़ लोग बीफ खाते हैं यानी के हर 13 में से एक भारतीय जिसमें हिंदू लोग भी शामिल हैं इसका सेवन करते हैं.
भारत में बीफ की आलोचना इसलिए भी होती है क्योंकि मीट चिकन और मछली के मुकाबले में बीफ थोड़ा सस्ता होता है इसलिए दलितों आदिवासियों और मुसलमानों के लिए यह एक सस्ता भोजन का विकल्प हो जाता है.
भारत में गोमांस का मुद्दे पर धार्मिक टकराव का एक काफी पुराना इतिहास है, इसके लिए प्राचीन काल से ही दलित और मुसलमान लोगों पर हमले होते आए हैं और इसी वजह से इन लोगों को आज तक भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. #source
Comments
comments