काज़ी अनीस रहमानी बने जमीयत उलेमा-ए-हिंद सदर ज़िला गुना

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जनाब काज़ी अनीस रहमानी साहब को जमीयत-उलेमा-ए-हिंद गुना सदर नियुक्त किया गया है आज दिनांक 17 अक्टूबर 2016 को होटल वरुण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह जानकारी मिली जहाँ उनका शहरवासियों ने स्वागत किया.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद मजलूम अल्पसंख्यक और दलितों के हक़ के लिए काम करती है

गौरतलब है जमीयत उलेमा ए हिंद का गठन सन 1919 में किया गया था और पिछले कई दशकों से यह संगठन देश के अंदर गरीब मजलूम अल्पसंख्यक और दलितों के बीच जाकर खिदमत करता है देश की आजादी में भी जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के लोगों ने अपनी जानू को नए छावर करके स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका निभाई थी मुस्लिम समुदाय की है राष्ट्रव्यापी और राष्ट्रवादी सबसे बड़ी और सबसे पुराने संस्था है.

इस संस्था का उद्देश्य  देश में सांप्रदायिकता को खत्म करना है और लोगों में सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे इसके लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने आजादी के बाद से ही लोगों में स्वदेशी सामान इस्तेमाल करने के लिए हमेशा से ही अभियान चलाती आयी है. अभी हाल ही में देश में चाइना के सामान का विरोध चल रहा है इस संबंध में भी जमीयत उलेमा-ए-हिंद जिला गुना 20 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक संपूर्ण जिले में चाइना के सामान का विरोध करेगी और इसके बारे में लोगों को जागरुक किया जाएगा.

जमीयत उलेमा ए हिंद भारत में आतंकवाद के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन चलाया है साथी जिले के समस्त ग्रामीण अंचलों में हिंदू मुस्लिम एकता बनी रहे इस संबंध में जमीयत उलेमा-ए-हिंद छोटे-छोटे सद्भावना सम्मेलन करेगी जमीयत उलेमा हिंद के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष अनीस रहमानी ने कहा है कि जैसे हमारे देश में शिक्षा स्वास्थ्य जरूरी है उसी तरह से देश की तरक्की के लिए सांप्रदायिक सौहार्द होना भी बहुत जरुरी है

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