भोपाल सेंट्रल जेल से भागे हुए सिमी के 8 कथित सदस्यों के एनकाउंटर पर ही सवाल खड़े हो गए हैं, वहीं कांस्टेबल रमाशंकर की ह्त्या के बारे में भी अब सवाल उठ रहे हैं कि ये ह्त्या वाक़ई उन आठ कथित सिमी सदस्यों ने की थी या फिर उन्हें “बलि का बक़रा” बनाया गया है। दूसरी तरफ़ बीजेपी सरकार फर्जी एनकाउंटर का श्रेय लेने के लिए इस काम पर तारीफ चाहती है।
वही हत्या का शिकार हुए कांस्टेबल रमाशंकर की 24 साल की बेटी सोनिया की शादी दिसम्बर की 9 तारीख़ को तय हुई थी और रमाशंकर के दो बेटे फ़ौज में हैं। जिस घर में शादी का माहौल हो उस घर में अगर किसी की मौत हो जाए तो सारी ख़ुशियाँ ग़म में मिल जाती हैं।
कुछ ऐसा ही हुआ रमाशंकर यादव के घर, जो घर परसों तक घर की बेटी की शादी की तैयारियों में व्यस्त था अब उस घर पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा है। सब कुछ ठीक था लेकिन कल सुबह ही ख़बर आयी कि भोपाल सेंट्रल जेल से 8 क़ैदी फ़रार हो गए हैं और जेल से भागते वक़्त उन्होंने रमाशंकर की ह्त्या कर दी तोजरा सोचो जिस घर में शादी हो और उस घर में किसी की मौत हो जाये तो घर का क्या हाल होगा आप खुद सोच सकते है।
देश की लगभग सभी विपक्षी पार्टियां एनकाउंटर को लेकर सरकार को घेरने में लग गयी हैं मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार विवादित एनकाउंटर का भी श्रेय लेने में लग गयी है। जेल मंत्री कुसुम ने कहा कि कुछ कमियाँ रह गयी होंगी लेकिन हमारी तारीफ़ करनी चाहिए।
वहीं एनकाउंटर पर सवाल करते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आज मंगलवार को एक बार ट्वीट करके इसपर शक जताया। दिग्विजय सिंह ने कहा हमेशा मुस्लिम कैदी ही जेल तोड़ कर क्यों भागते हैं। इसके पहले उन्होंने कहा था कि RSS और कट्टरपंथी विचारधारा के लोग ही मिलकर दंगे करवाते हैं।
कई राजनीतिक पार्टियां न्यायिक जांच की मांग कर रही हैं लेकिन मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार जांच का विरोध कर रही है। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है किसी जांच की जरुरत नहीं है, पुलिस ने सारी जानकारी मुहैया करा दी है। NIA सिर्फ जेल से भागे संदिग्ध आतंकियों के कनेक्शन की जांच करेगी।
गौरतलब है कि मारे गए आठों सदस्य प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य बताये जा रहे हैं. इन सभी पर देशद्रोह के आरोप चल रहे थे लेकिन इनमें से कोई भी अभी तक गुनाहगार साबित नहीं हुआ था। अब जबकि ये पूरा एनकाउंटर फ़र्ज़ी मालूम हो रहा है, कुछ लोग इस बारे में भी सवाल खड़ा कर रहे हैं कि मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने अपने राजनीतिक हितों के लिए कहीं आठ क़ैदियों के अलावा एक देश भक्त पुलिस वाले की बलि भी तो नहीं चढ़ा दी।
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