भारत में जब भी कोई घटना हो तो दाढ़ी टोपी वाले मौलाना या मुसलमान को आंख बंद करके उसका मुजरिम और आतंकी घोषित कर दिया जाता है। पर दो दिन पहले मध्यप्रदेश के अलग अलग स्थान से 11पाकिस्तानी भगवा एजेंटों को ATS ने गिरफ्तार किया है जिसकी सूचना अभी तक देश की मेन स्ट्रीम मीडिया ने नहीं दी। ऐसा क्यों ?
मीडिया से सवाल
यह मुसलमान होते तो अब तक देश के मुसलमानों को गालियाँ मिल रहीं होतीं और पाकिस्तान का टिकट पकड़ा कर पाकिस्तान भेज दिया गया होता। पर खबरों के मुताबिक़ मध्यप्रदेश में ISI के लिये मुख़बिरी करने और आतंकियों को फंडिंग करने के जुर्म में गिरिफ्तार किये गये.
कैसे करते थे काम ?
कुल 11 लोग हैं जो फोन के जरिए भारतीय सेना की खुफिया सूचनाएं पाकिस्तान भेजते थे। इनकी गिरिफ्तारी प्रदेश के अलग-अलग शहरों भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और सतना से की गई है। एटीएस ने फिलहाल इन में से 6 आरोपियों को राजधानी की जिला अदालत में एसीजेएम सतीश चंद्र मालवीय की अदालत में पेश किया।
अदालत ने आरोपी बलराम को 14 फरवरी तक वहीं अन्य आरोपियों को 12 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर एटीएस के सुपुर्द किया है। भोपाल में मध्यप्रदेश एटीएस के चीफ के अनुसार बलराम पाकिस्तान और जम्मू काश्मीर के आतंकवादियों को धन मुहैया कराता था और उसका सतना के हर बैंक में खाता है जिससे वह धन ट्रांसफर करता था।
मीडिया की खामोशी ?
अब ये बतायें आपने यह खबर कहीं पढ़ी ? सुनी? देखी ?पैनल डिस्कशन देखा ? नहीं देखा होगा। यह है हमारे देश की दोग़ली मीडिया जो देश की सुरक्षा से संबंधित घटनाओं को भी धर्म के आधार पर चयन करके दिखाती है। रोज रोज नाग नागिन,भूत प्रेत और भगोड़े फतेह को अपने स्टूडियो में नचाने वाले और खुद नाचने वाले दलाल मीडिया के लिए यह खबर महत्वपूर्ण नहीं है।
भारत में बढ़ते आईएसआई की पहुँच मीडिया के लिए कोई खबर नहीं। अभी यह 11 लोग मुसलमान होते तो देखते देशभक्ति कैसे ऊबाल मार रही होती। यह है भारतीय मीडिया का ग्राफ़ और उसकी दोग़ली पॉलिसी, पर अफ़सोस की बात है कि जिस राज्य में ये 11 आतंकी पकड़े गये वहां के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान से इन आतंकियों के सरग़ना धुर्व सक्सेना के बड़े मज़बूत संबंध हैं,और वो बी.जे.पी की आईटी सेल का सरग़ना है।
शिवराज से सवाल
पर क्या शिवराज को भी ये पाकिस्तानी बिरयानी खाते हुए नहीं दिखा, आंख बंद कर ली होगी साहब ने ? केंद्र में जो आना है तो संघ और आर.एस.एस.की नीति को मानना ही होगा वैसे देखने की बात ये होगी कि अंडर ट्रायल 11 क़ैदियों का एनकाऊंटर करवाने वाले शिवराज चौहान क्या इन 11 पाकिस्तानी एजेंटों का भी एनकाऊंटर करवायेंगें ? या इस देश में एनकाऊंटर सिर्फ़ मुसलमानों का ही होता है?
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