असदुद्दीन ओवैसी ने साबित कर दिया इंसाफ और सच्चाई के लिए लड़ना मुश्किल हो सकता है, मगर न मुमकिन नहीं,

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ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और हैदरबाद से पार्टी के एक मात्र सांसद असदउद्दीन ओवैसी मुस्लिम समाज के अन्य राजनेताओ के लिए एक उदहारण के रूप में सिद्ध हो रहे है। संसद में उनकी कार्यकुशलता के चलते उन्हें संसद रतन की उपाधि से भी नवाज़ा गया है.

अपने रोक-टोक अंदाज़ा और मुस्लिम समाज के मुद्दों पर कड़े तेवर, कड़वा सच बोलने वाले इस नेता को भले ही राजनीतिक तौर पर निशाना बनाया जाता है,लेकिन कश्मीर में अमन-शान्ति बनाये रखने की ऑल पार्टी डेलीगेशन में उनका चुने जाना इस बात को दर्शाता है के देश की जनता के साथ साथ राजनीतिक लोग भी असदउद्दीन ओवैसी को मुस्लिम समाज के उभरते और विश्वसनीय नेता मानते है.

देश में जब भी दलित-मुस्लिम,या कोई भी अन्य अल्पसंख्यक समाज पर जब भी कोई ना इंसाफी होती नज़र आयी, असदउद्दीन पहली आवाज़ बनकर उभर आए। गौरक्षा के नाम पर दलित-मुस्लिम पर हिंसा हो या फिर दादरी हत्याकांड, याकूब मेमन,बीफ बैन, सूर्यनमस्कार,ISIS या फिर भारत माता की जय से जुड़े संवेदनशील मामलो में अपनी राय रखने में असदउद्दीन ओवैसी हमेशा डटकर बोलते आए.

जहाँ पिछले कई दशकों से मुस्लिम समाज अपनी समस्याओं पर अन्य दलों के मुस्लिम नेताओं से अव्वाज़ उठाने की उम्मीद हार चूका था,वही असदउद्दीन ओवैसी ने उन्ही समस्याओं को बड़ी समझदारी के साथ ,कानून के दायरे में रहते हुवे, ना सिर्फ संसद में उठाया बल्कि हर स्टेज से अपनी बात लोगो तक पहुँचाई.

मुस्लिम आरक्षण,बीफ बैन,सच्चर कमिटी को लागू करवाने का मामला हो या फिर मुसलमानो की सामाजिक,आर्थिक और राजनीतिक पिछड़ने की बात,ओवैसी अपने तर्क सामने रखते गए।ओवैसी शिक्षका पर हमेशा ख़ास ज़ोर देते नज़र आते है.

अपने लोगो को एक साथ करने की कोशिश उनके मुद्दों को पर बोलना,दलित-मुस्लिम को एक साथ लाकर राजनैतिक लड़ाई लड़ने की उनकी कोशिशें , कुछ हिंदुत्ववादी संघटनो को के सर का दर्द बनी है और वह लगातार ओवैसी को निशाना बना रहे है.

ओवैसी के बढ़ते असर को देख हिंदुत्ववादी संघटनो के अलावा,कांग्रेस और कुछ मुस्लिम नेता भी अपनी सियासी पकड़ खोती देख विचलित है।उन पर कट्टरवाद को बढ़ावा देने और समाज को बांटने के इलज़ाम भी लगाने में कुछ राजनेताओ ने कोई कसर नहीं छोड़ी,मगर हर बार पासा उल्टा पढ़ता गया । हैदरबाद के बाद महाराष्ट्रा और देश के अन्य राज्यो में उनकी पार्टी का ग्राफ बढ़ता जा रहा है।उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यो में उनकी लोकप्रियता देखते ही बनती है.

कश्मीर शान्ति के लिए ऑल पार्टी डेलीगेशन में असदउद्दीन ओवैसी का चुने जाने संघी फिरकापरस्त,मुँह-बोले सेक्युलर और उनपर कट्टरवाद और विभाजन का आरोप लगाने वालों के मुँह पर एक करारा थप्पड़ है.

असदउद्दीन ओवैसी ने यह साबित कर दिया के निडर होकर,सचाई और इन्साफ के लिए लड़ना मुश्किल हो सकता है लेकिन आपका यही अंदाज़ सरकार को भी आपको आपका हक़ देनेें पर आपको सम्मान देने पर मजबूर कर देगा.

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