दीन और दुनिया के लिहाज से पैगंबर मुहम्मद से बड़ा कोई शिक्षक न हुआ है और न ही होगा क्योंकि…

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इस दुनिया में अल्लाह के रसूल अल्लाह मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से बड़ा कोई शिक्षक आज तक न पैदा हुआ है न ही आगे हो सकता है और इसका एतराफ दुनिया में मौजूद तमाम बड़े-बड़े नान मुस्लिम दानिश्वरों तक ने किया है. अपने समय की जाहिलतरीन क़ौम अरब की तबदीली का हाल देखिये.

आज लोगों का मज़हब बदल गया, कुछ ने अपना दीन लिया है, सियासत बदल गई, बिज़नेस के स्टैंडर्ड बदल गए, इकौनोमी सिस्टम बदल गया, सामाजिक वैल्यूज़ बदल गई, रिश्ते नातों की क़दरो क़ीमत बदल गई, महिलाएं की ज़िन्दगी बदल गई, हुक्मरानों का तर्जे अमल बदल गया, क़ायदे कानून बदल गए, ऊंच-नीच का तसव्वुर खत्म हो गया.

शादी ब्याह के तौर तरीके बदल गए, खाना पीना उठना बैठना रहन सहन सबकुछ बदल गया. कहने का मतलब ये है की ज़िन्दगी के हर हिस्से में नुमायां तबदीली आ चुकी है. ज़िन्दगी का कोई ऐसा गोशा बाकी नहीं रहा जो अब तक तबदील ना हुआ हो.

काबिले ग़ौर बात ये है कि इतना सबकुछ हुजूर अलै0 ने खालिस इन्सानी सतह पर किया, इस सारे प्रोसेस में मुशकिलात भी पेश आईं, मज़ाक भी उड़ाया गया, दबाव भी डाला गया, सोशल बायकाट भी किया गया, पथराव भी किया गया, हुजूर अलै0 के साथियों को मारा पीटा भी गया, कई साथियों को क़त्ल भी किया गया, हुजूर अलै0 को भी क़त्ल करने के इकदाम किये गये, यहां तक कि हिजरत करने पर मजबूर कर दिया गया.

हुजूर अलै0 की 63 बरस की हयाते मुबारका में हम आप अलै0 को यतीम मिसकीन भी देखते हैं, कामयाब ताजिर भी देखते हैं, बेहतरीन शौहर भी देखते हैं, आलातरीन बाप भी देखते हैं, एक आदर्श दोस्त भी देखते हैं, अपने मआशरे का सबसे ईमानदार और अमीन शख्स भी देखते हैं, होशियार समझदार क़ायद (रहनूमा) भी देखते हैं, आलातरीन मुबल्लिग़ भी देखते हैं.

बहादुर तरीन सिपहसालार भी देखते हैं और एक बड़े मुल्क अरब का अज़ीम तरीन हुक्मरान भी देखते हैं, ज़िन्दगी का कौनसा ऐसा शोबा है जो हुजूर अलै0 ने जीकर नहीं दिखाया वो भी चोटी की अक़दार के साथ, अल्लाह तआला हमें हुजूर अलै0 की हर एक सुन्नते मुबारका पर अमल करने वाला बनाये.

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