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ज़ुबैर बिन मुतिम रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया क़ता रहमी करने वाला (रिश्ते तोड़ने वाला) जन्नत में नही जाएगा. सही बुखारी, 5984
अबू हुरैरा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया रहम (रिश्ते नाते) का त़ाअल्लुक रहमान से है, इसलिए जो कोई इस से (रहम से) अपने आपको जोड़ता है अल्लाह सुबहानहु ने फरमाया की मैं भी उसको अपने से जोड़ लेता हूँ और जो कोई उस से तोड़ लेता है मैं भी अपने आपको उस से तोड़ लेता हूँ. सही बुखारी, जिल्द 7, 5988
अबू हुरैरा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की नबी करीम सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया छोटा बड़े को सलाम करे, गुज़रने वाला बैठने वाले को सलाम करे और छोटी जमात बड़ी जमात को सलाम करे. सही बुखारी, जिल्द 7, 6231
अनस बिन मलिक रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की जब वो बच्चों के पास से गुज़रे तो उन्होने बच्चों को सलाम किया और कहा की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम भी ऐसा ही किया करते थे (यानी बच्चों को सलाम करते थे) सही बुखारी, जिल्द 7, 6247
अब्दुल्लाह इब्न मसूद रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लमने फरमाया झूठ से बचते रहो क्यूंकी झूठ बुराई की तरफ ले जाता है और बुराई जहन्नम की तरफ , अगर कोई आदमी झूठ बोलता है और मुसलसल झूठ बोलता रहता है.
तो अल्लाह के यहाँ उसको कज्ज़ाब (झूठा) लिख दिया जाता है और सच बोलना तुम पर लाज़िम है क्यूंकी सच नेकी की तरफ ले जाता है और नेकी जन्नत की तरफ ले जाती है, अगर कोई आदमी सच बोलता है और मुसलसल सच बोलता रहता है तो अल्लाह के यहाँ उसको सिद्दीक़ ( सच्चा) लिख दिया जाता है. सुनन अबू दाऊद, जिल्द 3,1551-सही
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