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बुरेदा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया अंधेरे में मस्जिद में जाने वालों को खुशख़बरी दे दो की उनके लिए क़यामत के दिन मुकम्मल नूर होगा सुनन अबू दाऊद, जिल्द 1, 559-सही.
तशरिह : उलमाओं का कहना है की इस हदीस में अंधेरे से मुराद ईशा और फजर के वक़्त का अंधेरा है , यानी इन दोनो नमाज़ों को पाबंदी से जमात के साथ पढ़ने वालो के लिए ये खुशख़बरी है. दलील अल-फ़ातीहीन (3/558-559
अबू हुरैरा रदि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूल अल्लाह सल-अल्लाहु अलैहि वसलम ने फरमाया जब कोई इंसान मर जाता है तो उसका अमल मौक़ूफ़ हो जाता है (रुक जाता है)मगर तीन चीजो का सवाब जारी रहता है , एक सदक़ा-ए-ज़रिया का, दूसरा वो इल्म जिस से लोग फायदा उठाये , तीसरा नेक बच्चे का जो उसके लिए दुआ करे. सही मुस्लिम,जिल्द-4,हदिस-4223
अबू सईद खुदरी रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है की रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जब कोई जमात अल्लाह सुबहानहु का ज़िक्र करती है तो फ़रिश्ते उन्हें घेर लेते हैं और उन पर रहमत छा जाती है और उन पर तस्कीन नाजिल की जाती है फिर अल्लाह सुबहानहु अपने (फरिश्तों की) मजलिस में उनका ज़िक्र करता है. जामेअ तिरमिज़ी , जिल्द 2, हदीस 1302 -सही
मुआविया रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है की एक बार रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम सहाबा की मजलिस में तशरीफ़ लाए और उनसे वहां बैठने की वजह पूछी तो उन्होंने कहा की हम यहाँ अल्लाह का ज़िक्र और उसकी तारीफ कर रहे हैं.
जिसने हमें इस्लाम की दौलत से नवाज़ा , आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने दरयाफ्त किया (पूछा ) की अल्लाह की क़सम क्या तुम इसी वजह से यहाँ बैठे हो ? तो सहाबा रदी अल्लाहु अन्हुमाँ ने कहा की अल्लाह की क़सम हम इसी वजह से यहाँ बैठे हैं तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया मैंने तुमसे झूठ के गुमान की वजह से क़सम नहीं ली.
बल्कि मेरे पास जिब्रील अलैहि सलाम तशरीफ़ लाए और बताया की अल्लाह सुबहानहु फरिश्तों के सामने तुम पर फख्र कर रहा है. जामेअ तिरमिज़ी , जिल्द 2, हदीस 1303 -सही
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