क्या आप जानते है तीसरा कलमा कैसे बना और इसकी क्या फ़ज़ीलत है

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एक हदीस में है की एक बार नबी ए करीम सल्लाहअलैही वसल्लम कोम के पास गए और कबीले वालो से कहा अपनी -अपनी हथियार उठा लो तो सबने अपने घरों से हथियार उठा लिए कबीले वालों को लगा शायद कोई हमला होने वाला है इसलिए नबी तैयारी के लिए कह रहे है। तब नबी ने फ़रमाया में इन की नहीं उस ढाल की बात कर रहा हूँ जो तुमको मुसीबतों से बचाएगी। वो ढाल है तीसरे कलमे का कसरत से पढ़ना।

इस कलमे की तारीख ये है की एक बार जिब्रील मेरे पास आए और इस कलमे की तारिख बयान की सबसे पहले अल्लाह ने अरसे इलाही को बनाया और फिर चार फ़रिश्तो को हुकुम दिया की इसे उठा लो। फ़रिश्तो ने कहा इतना भारी हम चार कैसे उठा पाऐगे। सातों आसमान ,सातों जमीन ,जन्नत ,और दोझक सब अरसे इलाही के अंदर आता है।

अल्लाह ने कहा मे तुम्हे एक तस्बी बताता हू इससे अरसे इलाही हल्का महसूस होगा और तुम्हारे अंदर वो ताक़त आ जाएगी जिससे तुम आसानी से उठा सकोगे। वो तस्बी है सुभानअल्लाह। वो चार फरिश्ते अरसे इलाही को क़यामत तक उठाए रखेगे। जिब्रील ने फ़रमाया नबी तब से सब फ़रिश्ते ,मलाइका इस तस्बी को पढ़ रहे है और अल्लाह की बड़ाई बयान कर रहे है।

अल्लाह ने आदम -अलैहिसल्लाम को बनाया और उसमे रूह फूकि तो आदम -अलैहिसलाम को चींख आई ,तो उन्होंने कहा अल्हम्दुलीलालाह। फ़रिश्तो को ये तस्बी इतनी पसंद आई उन्होने सुभानअल्लाह के साथ अल्हम्दुलीलालाह भी मिला लिए।

जब नूह अलैहि-सल्लाम का जमाना आया तो कोई शिर्क नहीं था। शिर्क की इब्तिदा नूह अलैहिसलाम के जमाने से हुई। तो अल्लाह ने ला का कलमा भेजा और कहा ये कहो नहीं है कोई माबूद सिवाए अल्लाह के। ला इलाहा इल्लल्लाह।

फिर इब्राहिम -अलैहिसलाम का जमाना आया तो अल्लाह ने फ़रमाया की मेरे लिए अपने बेटे को क़ुर्बान कर दो तो इब्राहिम अलैहिसलाम ने कहा आप के लिए सब कुछ क़ुर्बान। तो वो इस्माइल को ले गए क़ुर्बानी के लिए यही अदा अल्लाह को पसंद आ गई उन्होने जन्नत से क़ुर्बानी के लिए जानवर भेज दिया। ये देखकर इब्राहिम -अलैहिसलाम अल्लाह हू अकबर के नारे लगाने लगे। फ़रिश्तो को ये जुमला भी बहुत पसंद आया अपनी तस्बी में इसे भी मिला लिया।

ये सब सुनकर नबी ने ताज़्ज़ुब के तोर पर कहा ला होवला वला क़ूवता इलल्लाह बिलल्लाहिल अलीएल अज़ीम।
ये सुन कर जिब्रील ने कहा ये तो बहुत अच्छा कलमात है अगर ये भी जुड़ जाए तो कितना अच्छा हो। ये तीसरा कलमा पूरा ऐसे हुवा।

अल्लाह ने फ़रमाया अगर कोई 100 मर्तबा सुभानअल्लाह पढ़े तो अल्लाह इतना अज़र देगा जैसे तुमने 100 गुलामो को खरीद कर आज़ाद कर दिया। एक बार तीसरा कलमा पढ़ने का सवाब इतना है की अल्लाह जन्नत में उसके लिए एक महल तैयार कर देते है।,जो बहुत ही खूबसूरत और कीमती होगा।

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