अल्लाह के रसूल के मुताबित, इल्म छुपाने वालों की क्या सज़ा मुक़र्रर की गयी है, देखें और शेयर करें!

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अबू हुरैरा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जिसने इल्म सीखने के लिए कोई रास्ता इख्तियार किया तो अल्लाह सुबहानहु उसके लिए जन्नत का रास्ता आसान फरमा देता है.
जामिया तिरमिज़ी, जिल्द 2, 541-सही

हदीस: रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया बेशक अल्लाह सुबहानहु और उसके फ़रिश्ते और अहल-ए-ज़मीन और आसमान और यहाँ तक की चींटी अपने सुराख़ में और मछलियाँ भी उस शख्स के लिए भलाई की दुआ करते और रहमत भेजते हैं जो लोगों को भलाई की बातें सिखाता है. जामीअ तिरमिज़ी जिल्द 2, हदीस 581 -हसन

अबू हुरैरा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जिस शख्स के पास कोई इल्म महफूज़ हो और वो उसे छुपाए तो क़यामत के दिन उसे दोज़ख की आग की लगाम डाल कर लाया जाएगा.
सुनन इब्न माज़ा , जिल्द 1, 261-सही

हज़रत मुहम्मद मुहम्मद इब्न अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुत्तलिब” का जन्म सन ५७० ईसवी में हुआ था. इन्होंने इस्लाम धर्म का प्रवर्तन किया. ये इस्लाम के सबसे महान नबी और आख़िरी सन्देशवाहक (अरबी: नबी या रसूल, फ़ारसी : पैग़म्बर) माने जाते हैं जिन को अल्लाह ने फ़रिश्ते जिब्रईल द्वारा क़ुरआन का सन्देश’ दिया था. मुसलमान इनके लिये परम आदर भाव रखते हैं.

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