अल्लाह के रसूल (स.अ.व.) का एक सहाबा की मजलिस में तशरीफ़ लाने का दिलचस्प किस्सा

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मुआविया रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है की एक बार रसूलअल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम सहाबा की मजलिस में तशरीफ़ लाए और उनसे वहां बैठने की वजह पूछी तो उन्होंने कहा की हम यहाँ अल्लाह का ज़िक्र और उसकी तारीफ कर रहे हैं.

जिसने हमें इस्लाम की दौलत से नवाज़ा , आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने दरयाफ्त किया (पूछा ) की अल्लाह की क़सम क्या तुम इसी वजह से यहाँ बैठे हो ? तो सहाबा रदी अल्लाहु अन्हुमाँ ने कहा की अल्लाह की क़सम हम इसी वजह से यहाँ बैठे हैं.

तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया मैंने तुमसे झूठ के गुमान की वजह से क़सम नहीं ली बल्कि मेरे पास जिब्रील अलैहि सलाम तशरीफ़ लाए और बताया की अल्लाह सुबहानहु फरिश्तों के सामने तुम पर फख्र कर रहा है.
जामेअ तिरमिज़ी,जिल्द-2,हदीस-1303-सही

حضرت معاویہ رضی الله عنہ سے روایت ہے رسول اللہ صلی اللہ علیہ وسلم اپنے صحابہ کے پاس گئے وہ سب دائرہ لگا کر بیٹھے ہوئے تھے، ان سے کہا: کس لیے بیٹھے ہو؟ انہوں نے کہا: ہم یہاں بیٹھ کر اللہ کا ذکر کرتے ہیں، اللہ نے ہمیں اسلام کی طرف جو ہدایت دی ہے، اور مسلمان بنا کر ہم پر جو احسان فرمایا ہے ہم اس پر اس کا شکریہ ادا کرتے ہیں، اور اس کی حمد بیان کرتے ہیں، آپ صلی اللہ علیہ وسلم نے فرمایا: ”کیا واقعی؟ ! قسم ہے تمہیں اسی چیز نے یہاں بٹھا رکھا ہے؟“ انہوں نے کہا: قسم اللہ کی، ہمیں اسی مقصد نے یہاں بٹھایا ہے، آپ نے فرمایا: ”میں نے تمہیں قسم اس لیے نہیں دلائی ہے، میں نے تم لوگوں پر کسی تہمت کی بنا پر قسم نہیں کھلائی ہے، بات یہ ہے کہ جبرائیل علیہ السلام میرے پاس آئے اور انہوں نے مجھے بتایا اور خبر دی کہ اللہ تعالیٰ تمہارے ذریعہ فرشتوں پر فخر کرتا ہے- جامع ترمذی،جلد-٢،حديث-١٣٠٣-صحيح

मुआज़ इब्न जबल रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूलअल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया बैतूल मुक़द्दस की आबादी मदीना की विरानी होगी, मदीना की विरानी के बाद लड़ाईयों और फ़ितनों का ज़हूर होगा, फ़ितनों के ज़हूर के बाद कुस्तुनतुनिया (ईस्तान्बूल ) की फ़तह होगी.

और कुस्तुनतुनिया की फ़तह के बाद दज्जाल निकलेगा , फिर आपने अपना हाथ उस शख्स यानी मुआज बिन जबल रदी अल्लाहू अन्हु की रान या काँधे पर मारा जिन से आप ये बयान फरमा रहे थे, फिर फरमाया ये ऐसे ही यक़ीनी है जैसे तुम्हारा यहा होना या बैठना यक़ीनी है. सुनन अबू दाऊद , जिल्द 3, 889-हसन

ईमरान बिन हुसैन रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया क़यामत के दिन अल्लाह सुबहानहु के अफ़ज़ल बंदे अल-हम्मादून (अल्लाह सुबहानहु की बहुत ज़ियादा तारीफ करने वाले) होंगे
सिलसिला अस सहिहा, 2760

हदीस: हज़रत अबू दर्दा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया क्या मैं तुमको ऐसा अमल ना बताऊ जो तुम्हारे मालिक (अल्लाह) के नज़दीक अच्छा और पाकीज़ा है और तुम्हारे दरजात .में सबसे बुलंद , और जो (अल्लाह की राह में) सोने और चाँदी को खर्च करने से भी अफ़ज़ल है.

और जो अल्लाह की राह में दुश्मनो से जिहाद करते हुए उनकी गर्दने काटने और वो तुम्हराई गर्दन काट दे उस से भी बेहतर है, सहाबा रदी अल्लाहू अन्हुमा ने अर्ज़ किया क्यू नही (ज़रूर बताईए), आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया वो अल्लाह का ज़िक्र है, मुआज़ बिन जबल रदी अल्लाहू अन्हु ने फरमाया अल्लाह के अज़ाब से बचाने वाली ज़िक्र इलाही से बड़कर और कोई चीज़ नही है. जामिया तिरमिज़ी , जिल्द 2, 1301 – हसन

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