और इस तरह क़त्ले दज्जाल के बाद दुनियाभर में होगी ‘इमाम मेहंदी’ की बादशाहत क़ायम

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हज़रत इमाम मेहंदी रज़ी अल्लाहु तआला अन्हु के ज़हूर के तक़रीबन 6 या 7 साल बाद दज्जाल ज़ाहिर होगा, ये क़ौमे यहूद का एक शख्स होगा लोगों में इसका ख़िताब मसीह होगा उसकी दाहिनी आंख अंगूर की तरह बाहर को लटकी होगी उसके बाल घुंगराले उसकी सवारी में बहुत बड़ा गधा होगा.

उसकी पेशानी पर ق ا ف ر काफिर लिखा होगा जिसको हर मुसलमान बे पढ़ा भी पढ़ लेगा, इसके साथ यहूदियों के 70000 लोगों का लश्कर होगा जो इसकी बैयत करेंगे, अपने साथ बहुत बड़ी आग जिसका नाम जहन्नम रखा होगा मगर दरअसल वो जन्नत होगी और एक बहुत बड़ा बाग़ जिसका नाम जन्नत रखा होगा मगर वो जहन्नम होगी को लिए फिरता होगा|

दज्जाल की प्रतीकात्मक फोटो

अपनी खुदायी का दावा करेगा जो उसको खुदा कह देगा उसे जन्नत में और जो ना मानेगा उसे जहन्नम में डाल देगा, पूरी दुनिया में गश्त करेगा महज़ 40 दिन ही वो दुनिया में रहेगा मगर उसका पहला दिन 1 साल के बराबर दूसरा दिन 1 महीने के बराबर तीसरा दिन 1 हफ्ते के बराबर और बाकी के 37 दिन आम दिनों के बराबर होंगे.

जब ये बात सहाबा इकराम रज़ी अल्लाहु तआला अन्हु को खबर हुई तो सबने हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम से पूछा कि या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम उन दिनों में जबकि 1 दिन 1 साल के बराबर होगा तो नमाज़ कैसे पढ़ी जायेगी तो आप फरमाते हैं कि क़यास करके साल भर की पढ़नी होगी…

पूरी दुनिया में क़त्लो गारत करके मक्का व मदीना जाने की कोशिश करेगा मगर अल्लाह के कुछ फ़रिश्ते नंगी तलवार लिए उस सरहद की निगेहबानी करते होंगे जिससे ये अंदर दाखिल ना हो पाएगा…

जब ये ज़ाहिर होगा तो उससे 2 साल पहले से दुनिया में अकाल पड़ा होगा और अनाज की बेहद किल्लत होगी तो ये अजायबात दिखाते हुए अनाज पैदा करेगा, दरख्तों में फ़ल लगा देगा, जानवरों को मोटा ताज़ा कर देगा जिससे कि वो खूब दूध देने लगेंगे, मुर्दों को जिलाएगा.

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