शेयर करें

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ जेरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के यूनाइटेड नेशंस में वोट करने पर बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि ये फैसला भारत के हित में नहीं है। भारत की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.. अब न तो अमेरिका और न ही इजरायल भारत पर विश्वास करेगा.

क तरफ हम अमेरिका के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाने की कोशिश करते हैं। और चीन जैसे देश से मुकाबला करने के लिए भी हम अमेरिका की मदद चाहते है और दूसरी तरफ हम उनके खिलाफ वोट करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इजराइल हमारा दोस्त है, जो हमारी हमेशा से मदद करता रहा है और हमे आतंकवाद से जुड़ी जानकारी भी उपलब्ध कराता है जो कोई और देश नहीं करता है.

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा हमने हमेशा ही फिलिस्तीन का समर्थन किया है, जो की हमेशा ही कश्मीर के मालमे में हमारा विरोधी रहा है इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन और अन्य फोरम में फिलिस्तीन ने भारत का विरोध किया सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा की यह कांग्रेस की पुरानी नीति है.



अमेरिका और इजराइल के पक्ष में वोट न करके भारत ने बहुत बड़ी गलती की है. जैसा की आप को पता है की अमेरिका के राष्टपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसी माह में पश्चिमी यरूशमल को इजराइल की राजधानी के रूप में मान्यता दी थी और अमेरिका दूतावास को तेल अवीव से पश्चिमी यरूशमल ले जाने की घोसणा की थी.

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा की इजराइल एक हमारा अच्छा दोस्त है, जो हमें मदद प्रदान करता है, आतंकवाद से जुडी जानकारी प्रदान कराता है,अमेरिका के साथ हम रणनीतिक गठजोड़ बनाने के प्रस्ताव रखते हैं, चीन का मुकाबला करने के लिए हमें अमेरिका की मदद चाहिए और अब ऐसी बातें कर रहे हैं.

जब सुब्रमण्यम स्वामी से यह पूछा गया कि आखिरकार यह फैसला किसने लिया और क्यों लिया तो उन्होंने कहा उन्हें नहीं मालूम सरकार को बताना चाहिए. स्वामी ने सुषमा की ओर संकेत करते हुए कहा कि विदेश मंत्री ने तुरंत फॉरेन सेक्रेटरी से बोलने को कहा, खुद नहीं बोलीं. इसके मायने यह है कि हो सकता है ब्यूरोक्रेट्स ने मिलकर तय किया हो.

जब उनसे पूछा गया कि यह सरकार ब्यूरोक्रेट चला रहे हैं या मोदी जी चला रहे हैं? तो स्वामी ने कहा कि मोदी जी अकेले बिचारे क्या कर सकते हैं? इस सवाल पर लोगों को विरोध करना चाहिए जब तक विरोध नहीं होगा तब तक ऐसे ही चलेगा.

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि भारत ने जिस तरह से संयुक्त राष्ट्र संघ में अमेरिका का विरोध करते हुए फिलिस्तीन का समर्थन किया है उससे नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका हमारे बारे में जो भी सोच रहा था कि एक ताकत के तौर पर भारत को स्थापित किया जाए उसको अब वह बंद कर देगा.

Comments

comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *